plz give me the answer of this question. Very urgent
Answers
Answer:
hey mate !
here is your answer ....
refer to the attachments....
.
.
.
.
hope it helps you deaR..
✌✌✌
plz like , follow and mark brainliest...
Answer:
यमक अलंकार की परिभाषा:
जिस प्रकार अनुप्रास अलंकार में किसी एक वर्ण की आवृति होती है उसी प्रकार यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है।
प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ हर बार अलग होता है। शब्द की दो बार आवृति होना वाक्य का यमक अलंकार के अंतर्गत आने के लिए आवश्यक है।
यमक अलंकार के उदाहरण :
*कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।
*कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा:
जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।
इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है।
अनुप्रास अलंकार के उदाहरण:
*मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला।
*कंकण किंकिण नुपुर धुनी सुनी।
अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा:
जब किसी वस्तु, व्यक्ति आदि का वर्णन बहुत बाधा चढ़ा कर किया जाए तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है। इस अलंकार में नामुमकिन तथ्य बोले जाते हैं।
अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण :
*हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।
*आगे नदियां पड़ी अपार घोडा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार।
पुनरुक्ति अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है – पुन: +उक्ति। जब कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है।
उदाहरण :- मधुर - मधुर मेरे दीपक जल ।
फेरि फेरि वर्षा की ऋतु आई ।