Plz guys write an essay on the topics given below:-❣❣
1-स्वच्छ भारत अभियान और विद्यार्थी का योगदान
2-ऐसा व्यक्ति जिसे आप भुला न सकें
Answers
1-स्वच्छ भारत अभियान और विद्यार्थी का योगदान
_____________________________
प्रस्तावना :-
संसार का प्रत्येक प्राणी सुख की कामना करता है । परन्तु चाहने मात्र से ही न आज तक कोई सुखी हुआ है , न होगा । जब तक उसके लिए कुछ प्रयास न किया जाए , सुख आकाश पुष्प के समान असम्भव बना रहता है । सुखी रहने का सबसे अच्छा तरीका है- " स्वच्छता " वर्तमान समय में हमारे देश में स्वच्छता अभियान ' पर बहुत जोर दिया जा रहा है । हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा पूरे देश में स्वच्छता अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है ।
स्वच्छता अभियान :-
" स्वच्छ भारत , स्वस्थ भारत " ये नारा बड़े जोर - शोर से हमारे देश के कोने - कोने में गूंज रहा है । महात्मा गाँधी ने सभी भारतवासियों को साफ सफाई के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया था । वे भारत को स्वच्छ भारत के रूप में देखना चाहते थे , जिसमें कि लोग स्वयं से अपने आसपास की सफाई करें ।
महात्मा गाँधी के इसी नजरिए को हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने " स्वच्छ भारत अभियान " के रूप में परम पूज्य महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर , 2014 को उद्घाटित किया और लोगों से आग्रह किया कि वे अपने आसपास की सफाई करके इस अभियान को सफल बनाए ।
_____________________________
2-ऐसा व्यक्ति जिसे आप भुला न सकें
प्रस्तावना: इस संसार में अनेक ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिन्हें हम नही जानते. जैसे भयानक बाढ़ या भूकम्प आना, हैजा, चेचक आदि का फैलना या किसी अग्निकांड का होना आदि.
जो मनुष्य पर विपत्ति का पहाड़ गिरा देता हैं. यहाँ एक भयानक अग्निकांड का आँखों देखा वर्णन किया जा रहा हैं, जो कि मेरे लिए अविस्मरणीय घटना हैं.
अग्निकांड का स्थान व समय : जून का महिना था भीषण गर्मी से बचने के लिए हमारे गाँव के अधिकतर लोग दोपहरी में पेड़ों की छाँव में विश्राम कर रहे थे. हमारे गाँव में लगभग सभी के घर में छप्पर बने हुए हैं.
गाँव के बीच में रामदीन किसान का घर था. दोपहरी में अचानक ही उसके छप्पर में आग लग गई. बात ही बात में आग की लपटों ने भयंकर रूप धारण कर लिया.
अग्निकांड का दृश्य – आग की उठती लपटों को देखकर चारो ओर हो हल्ला होने लगा. सभी आग को बुझाने के लिए दौड़ पड़े. कोई कंधे पर घडा लेकर, कोई हाथ में बाल्टी लेकर आग बुझाने का जी जान से प्रयास करने लगे.
आग भयकर रूप धारण कर चुकी थी. लोग ज्यो ज्यो पानी डालते, त्यों त्यों आग शांत होने की बजे और बढ़ रही थी. चारो ओर से पानी लाओ पानी लाओ की आवाज आ रही थी.
उधर रामदीन किसान की पत्नी छाती पीटती रो रही थी. लगभग एक घंटे के अथक परिश्रम के बाद आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक उसका छप्पर तथा उसमें रखा सारा सामान स्वाहा हो चूका था.
दुर्घटना से हानि– उस अग्निकांड को मैंने अपनी आँखों से देखा था और आग बुझाने वालों का भी मैंने जी जान से सहयोग किया था. लेकिन बेचारे रामदीन का घर का सारा सामान जलकर राख हो गया था.
उसके साथ ही उसकी दो साल की बच्ची भी जो छप्पर के नीचे सो रही थी, जलकर मर गई. इससे उसके परिजनों का करुण विलाप सभी के ह्रदयों को शोक में डूबा रहा था. सभी दुखी और बैचेन थे.
उपसंहार- गाँव के सभी लोगों ने रामदीन के परिवार वालों को होनी को कोई नही टाल सकता कहकर और समझा बुझाकर शांत किया. साथ ही सबने मिलकर उसकी सहायता की.
छप्पर के जल जाने और बच्ची के मर जाने का अफ़सोस तो सभी को रहा, जो आज भी मुझे उस भयंकर अग्निकांड का स्मरण हो आता हैं, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं.