Math, asked by itzved23, 3 months ago

plZ help it is very urgent

don't give wrong answer otherwise it i will report his / her 10 answer

Plz help ​

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Answered by XItzBrainlyAlcoholX
9

दोहा:-

येषां न विद्या न तपो न दानं,ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्म:।।

ते मर्त्यलोके भुवि भारभूता मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।।

भावार्थ:-

जिन लोगों के पास न तो विद्या है, न तप, न दान, न शील, न गुण और न धर्म।वे लोग इस पृथ्वी पर भार हैं और मनुष्य के रूप में मृग/जानवर की तरह से घूमते रहते हैं।

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