PlZ plz help I need an HINDI POEM on EKTA or DESH PREMI
Jiya22:
The poem is quite big.. So, if u want u can pick your favourite stanzas .....
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अनेकता में एकता
मेरे भारत की विशेषता
यही पाठ पढ़ा-
और यही पढ़ाया
किन्तु प्रत्यक्ष में
एकता का
कहीं दर्शन ना पाया
कभी धर्म के नाम पर
खुले आम घर जले
मन्दिर मस्ज़िद टूटे
लाखों बर्बाद हो गए,
फिर भी हमने…….
धर्म निरपेक्षिता की
डींगे हाँकी….
प्रान्तीयता के आधार पर
देश के सर्वोच्च पद का निर्धारण
राष्ट्रीयता के हृदय पर
एक बड़ा आघात
और सारा देश चुप…..
पद का सही उम्मीदवार
अपमान सह गया
और राष्ट्र मूक रह गया
और आज फिर..
एक ओर……..
प्रान्तीयता की आवाज़
कानों में शीशा डाल रही है
देश के हर नागरिक को
किंकर्तव्य विमूढ़ बना रही है
आशा की किरणें बहुत
क्षीण होती जा रही हैं
और हम गर्व से
राष्ट्रीयता का…..
राग आलाप रहे हैं
डींगें हाँक रहे हैं
दूसरी ओर……
आरक्षण का राक्षस
अपनी बाँहें फैला रहा है
और सारा देश विवशता से
कैद में कसमसा रहा है
यह आरक्षण की माँग है या
सुरसा का मुँह....
जो निरन्तर....
बढ़ता ही जा रहा है
कोई भी आश्वासन
काम नहीं आ रहा है।
मेरे भारत की विशेषता
यही पाठ पढ़ा-
और यही पढ़ाया
किन्तु प्रत्यक्ष में
एकता का
कहीं दर्शन ना पाया
कभी धर्म के नाम पर
खुले आम घर जले
मन्दिर मस्ज़िद टूटे
लाखों बर्बाद हो गए,
फिर भी हमने…….
धर्म निरपेक्षिता की
डींगे हाँकी….
प्रान्तीयता के आधार पर
देश के सर्वोच्च पद का निर्धारण
राष्ट्रीयता के हृदय पर
एक बड़ा आघात
और सारा देश चुप…..
पद का सही उम्मीदवार
अपमान सह गया
और राष्ट्र मूक रह गया
और आज फिर..
एक ओर……..
प्रान्तीयता की आवाज़
कानों में शीशा डाल रही है
देश के हर नागरिक को
किंकर्तव्य विमूढ़ बना रही है
आशा की किरणें बहुत
क्षीण होती जा रही हैं
और हम गर्व से
राष्ट्रीयता का…..
राग आलाप रहे हैं
डींगें हाँक रहे हैं
दूसरी ओर……
आरक्षण का राक्षस
अपनी बाँहें फैला रहा है
और सारा देश विवशता से
कैद में कसमसा रहा है
यह आरक्षण की माँग है या
सुरसा का मुँह....
जो निरन्तर....
बढ़ता ही जा रहा है
कोई भी आश्वासन
काम नहीं आ रहा है।
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सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है
करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है
खैंच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
है लिये हथियार दुशमन ताक में बैठा उधर,
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
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