Hindi, asked by sanjana141421, 2 months ago

plz say correct answer ​

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Answered by singhamritanand011
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सुख बयार का वह झोंका है जिसके गुजर जाने का आभास तक नहीं होता है। सुख में समय कब निकल गया इसका जहां आभास तक नहीं होता है, वहीं दुःख में समय रुका, ठहरा सा लगता है। सुख कर रंग-रूप व्यक्तिगत होता है और वह जहां भी मिलता है आनन्दमय लगता है। सुख में थकान की अनुभूति संभव नहीं।

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