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स्वतंत्रता दिवस
'स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है-जब हम स्वतंत्रता के बारे में •सोचते हैं तो श्री बालगंगाधर तिलक का यह नारा हमारे तन-मन को झकझोर देता है। हम नहीं सोच पाते कि हमारा यह महान देश किस प्रकार अंग्रेजों का गुलाम बन गया था। फिर भी यह सत्य है कि हमारा देश दो सौ वर्षों तक अंग्रेजों के अधीन था। पूरे विश्व में हमारा देश एक गुलाम देश समझा जाता था। हमारा सौभाग्य है कि हमलोग आज स्वतंत्र हैं। हमारा देश संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राष्ट्र है। देश में हमारी चुनी हुई सरकार है। यह स्वतंत्रता हमारे देश को 15 अगस्त, 1947 ई. को प्राप्त हुई। 15 अगस्त को प्रतिवर्ष यह दिवस सारे भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
भारत को यह स्वतंत्रता बड़े संघर्ष के बाद प्राप्त हुई है। आजादी के लिए हमारे देश के नौनिहालों ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। स्वाधीनता की पहली लड़ाई सन् 1857 ई. में शुरू हुई थी। उस समय झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, कुँअर सिंह, बहादुर शाह जफ़र आदि ने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया था। जगह-जगह अंग्रेजी सरकार का विरोध हुआ। हजारों लोग बलिदान हो गए। अंग्रेज शासक इस विद्रोह कोदलाने में अंतत: सफल रहे। फिर भी देश में नवजागरण को लहर फैल गई। उन्नीस सदी के आरंभ में पुन: देश के नौजवानों में अपनी आजादी के लिए उन्होंने अंग्रेजों का आरंभ किया। पं. रामप्रसाद बिस्मिल, असफाक उल्लाह खाँ भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद आदि अनेक क्रांतिकारियों ने अपने प्राण न्योतावर कर दिए। सुभाषचंद्र बोस ने तो आजाद हिंद फौज की स्थापना करके 'दिल्ली चलो' का नारा दिया। नेताजी भारत के सपूतों से कहा- 'तुम हमें खून दो हम तुम्हें आजादी देंगे।' महात्मा गाँधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार पटेल आदि ने सर टेक में असहयोग आंदोलन चलाया। इन संघर्षों में हमारी एकता को देखकर अंग्रेज भारत को स्वतंत्र कर अपने देश चले गए। यह स्वतंत्रता दिवस हम प्रतिवर्ष अपने विद्यालयों में बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री लालकिले से देशवासियों को संबोधित करते है। नौजवानों को देश की उन्नति और उसकी रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर देने की प्रेरणा देते हैं स्कूल कॉलेजों एवं सभी सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है। राष्ट्रगान एवं राष्ट्रीय गीत गाए जाते हैं।
मेरे विद्यालय पर भी प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाता है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस का समारोह विशेष उत्साह के साथ मनाया गया। प्रधानाचार्यजी के आदेशानुसार एक सप्ताह पूर्व से ही विद्यालय भवन की सफाई आरंभ हो गई थी। हमारे हिंदी अध्यापक ने नाटक, गीत, कविता पाठ, सामूहिक गान आदि से संबंधित छात्रों का चयन किया। इन सबकी विशेष तैयारी कराई गई।
प्रातः 7 बजे ही प्रभात फेरी का कार्यक्रम था। कक्षा 8 तक के छात्र ही इस प्रभात फेरी में सम्मिलित थे। प्रातःकाल सामूहिक गान के साथ ज बच्चों को पंक्तिबद्ध टोली निकली तो गाँव और मुहल्ले के लोग देखते ही रह गए। हाथ में तिरंगा झंडा लेकर हमलोग पहले ग्रामप्रधानजी के आवास पर पहुँचे। प्रधानजी ने अपने आवास पर हमलोगों का स्वागत किया और मिठाई बाँटने के लिए 500 रुपए दिए। फिर गाँव की परिक्रमा लगाते हुए हमलोग अपने विद्यालय पर वापस आ गए।
विद्यालय पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि विद्यालय पर आज एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रख्यात हिंदी साहित्य-सेवी प्रो. निरंजन कुमार सिंह बुलाए गए हैं। प्रो. सिंह समय से ही विद्यालय में आ गए। उनकी अध्यक्षता में सभा आयोजित की गई। प्रधानाचार्य ने उनका स्वागत करते हुए बताया आप सन् 1942 के आंदोलन में अंग्रेजों का विरोध करते हुए जेल की यातना सह चुके हैं। उस बीच पढ़ाई छोड़कर ये सच्चे सत्याग्रही बन चुके थे किंतु कुछ नेताओं को सलाह पर आप उन दिनों काशी विद्यापीठ के छात्र बनकर विद्याध्ययन में जुट गए। सौभाग्य से पाँच वर्षों के भीतर देश स्वतंत्र हो गया। इसके बाद हमारी कक्षा के छात्रों ने एक सामूहिक राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया। बहुत से छात्रों ने काव्य पाठ किए। अंत में चंद्रशेखर आजाद पर एक लघु नाटिका का मंचन किया गया।
समारोह के अंत में अध्यक्षीय भाषण हुआ। प्रो. सिंह ने कहा- बच्चों, हमारा देश इस समय स्वतंत्र है। यह स्वतंत्रता बढ़े त्याग और बलिदान से मिली है। इसकी रक्षा के लिए तुम्हें हर क्षेत्र में देश को आणी बनाना होगा। यह सब कार्य तुम तभी कर सकते हो, जब मेहनत से अध्ययन करोगे। उन्होंने उजादी की लड़ाई की बहुत-सी कथाएँ सुनाई। भाषण के अंत में सभी बच्चों ने हर्षस्थान के साथ तालियाँ बजाई। फिर मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पण का कार्य किया गया। अंत में बच्चों को पंक्तिबद्ध बैठाकर मिष्टान्न वितरण किया गया।
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Answer:
सावन के महीने मै रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है . रक्षा बंधन केे त्योहार को राखी का त्योहार भी कहा जाता है . रक्षा बंधन का त्योहार सभी जाती धर्म मै मनाया जाता है.राखी त्योहार बहन भाई केे लिए बहुत महत्व रखता है . रक्षा बंधन केे दिन बहन अपने भाई केे कलाइ पर राखी बांधती है . बहन केे राखी बांधने से भाई उनको तोफा देते है , और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन भी देते है . राखी का त्योहार देश विदेश मे बनाया जाता है . रक्षा बंधन केे दिन सरकारि छुट्टी देते है . रक्षा बंधन को मामा घर पर आते है फिर मम्मी उनको राखी बांधति है फिर ऐसे ही रक्षा बंधन का त्योहार खत्म हो जाता है