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कविता में यह पंक्ति " भाग्य हीन है जो अधीर भाव जो करें "
मतलब जिसमे धीरज ना हो वही भाग्य हीन होता है |धीरज एक बहुत ही जरूरी मूल्य है इसके बिना इंसान बेकार में जिए बेकार में मरे|
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