Plz tell me an Essay on charity
Answers
Answered by
0
एक मनुष्य का सबसे अच्छा कर्म व धर्म “परोपकार” ही होता है । जो लोग अपने हित और अपने स्वार्थ के बारे में ना सोचकर दुसरे की भलाई और हित के बारे में सोचता है वही मनुष्य परोपकारी कहलाता है। इंसान अपने nature से हीं परोपकारी होता है ।
परन्तु मनुष्य का स्वार्थ और संकीर्ण सोच ने आज पुरे मानव समुदाय को अपने में ही केन्द्रित कर दिया है। मनुष्य अपने और अपनों के चक्कर में उलझ कर स्वार्थी हो गया है और दुसरो की हित और भलाई करना भूल गया है।
परोपकार अनेक प्रकार के होते है जिससे इंसान दूसरों की help कर के आत्मिकशांति प्राप्त कर सकता है जैसे की – प्यासे को पानी पिलाना, बीमार या किसी घायल मनुष्य को अस्पताल ले जाना, अन्धों को रोड पार करवाना , भूखे को भोजन करना , गरीबो को वस्त्र देना, गोशाला (Cow shed) बनवाना, प्याऊ बनवाना , छायादार पेड़ लगाना , school बनवाना आदि ।
जो मनुष्य अपने मन, वचन और कर्म से जरुरत मंदों की help करता है वो मनुष्य संत की श्रेणी में आते है। ऐसे सत्पुरुष जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों पर उपकार करते है वे देवता के समतुल्य माने जाते है । परोपकार मनुष्य का एक ऐसा गुण होता है जिससे वो अपने शत्रु को भी अपना दोस्त बना सकता है। यदि अपने शत्रु पर भी मुसीबत के समय उपकार किया जाए तो वह भी सब कुछ भूलकर सच्चा मित्र बन जाता है।
Hope it helps You..
PLEASE MARK IT AS A BRAINLIEST ANSWER..
परन्तु मनुष्य का स्वार्थ और संकीर्ण सोच ने आज पुरे मानव समुदाय को अपने में ही केन्द्रित कर दिया है। मनुष्य अपने और अपनों के चक्कर में उलझ कर स्वार्थी हो गया है और दुसरो की हित और भलाई करना भूल गया है।
परोपकार अनेक प्रकार के होते है जिससे इंसान दूसरों की help कर के आत्मिकशांति प्राप्त कर सकता है जैसे की – प्यासे को पानी पिलाना, बीमार या किसी घायल मनुष्य को अस्पताल ले जाना, अन्धों को रोड पार करवाना , भूखे को भोजन करना , गरीबो को वस्त्र देना, गोशाला (Cow shed) बनवाना, प्याऊ बनवाना , छायादार पेड़ लगाना , school बनवाना आदि ।
जो मनुष्य अपने मन, वचन और कर्म से जरुरत मंदों की help करता है वो मनुष्य संत की श्रेणी में आते है। ऐसे सत्पुरुष जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों पर उपकार करते है वे देवता के समतुल्य माने जाते है । परोपकार मनुष्य का एक ऐसा गुण होता है जिससे वो अपने शत्रु को भी अपना दोस्त बना सकता है। यदि अपने शत्रु पर भी मुसीबत के समय उपकार किया जाए तो वह भी सब कुछ भूलकर सच्चा मित्र बन जाता है।
Hope it helps You..
PLEASE MARK IT AS A BRAINLIEST ANSWER..
Similar questions