Biology, asked by himuik1111, 6 months ago

plz..tell me guys because it very urgent​

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Answered by lubnafathima
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ah hello can u share with me u r and of the school because I hope I know you because same book if you r interested share u r name my comments

Answered by shrishti2602
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Explanation:

व्यक्तियों के समूह को हीं समाज कहते है। जैसे व्यक्ति होंगे वैसा ही समाज बनेगा। किसी देश का उत्थान या पतन इस बात पर निर्भर करता है कि इसके नागरिक किस स्तर के हैं और यह स्तर बहुत करके वहाँ की शिक्षा-पद्धति पर निर्भर रहता है। व्यक्ति के निर्माण और समाज के उत्थान में शिक्षा का अत्यधिक महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। प्राचीन काल की भारतीय गरिमा ऋषियों द्वारा संचालित गुरुकुल पद्धति के कारण ही ऊँची उठ सकी थी। पिछले दिनों भी जिन देशों ने अपना भला-बुरा निर्माण किया है, उसमें शिक्षा को ही प्रधान साधन बनाया है।

सामाजिक जीवन की व्यवस्था के लिए कुछ नियम बनाए जाते हैं, जब ये नियम धर्म से संबंधित हो जाते हैं तो उन्हें नैतिक नियम कहते हैं और उनके पालन करने के भाव अथवा शक्ति को नैतिकता कहते हैं। धर्म और नैतिकता मनुष्य की आधारभूत आवश्यकता है। बिना उनके उसे मनुष्य नहीं बनाया जा सकता, अतः इनकी शिक्षा की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

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