Music, asked by Lisapunit, 1 year ago

plzz give answer no spam​

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harsh553333: Hi
Golukolimahawar: Tansen
namitamondal195046: Means ???

Answers

Answered by namitamondal195046
0

Tansen.......

Mian tansen raja akbar ke samy ka ak bahatarin sangit shilpi tha . Wo fatehpur shikri ke middle me bhaitke apnne surila raga bajate thei. Raja akbar ka sabje pasand ki gay logo me se mian tansen ak thei. Unki do bohot famous raga thei:-1)raga deepak

2)raga darbari

Hope you like my answer , actually i my first language hindi nehi hai, third language aur ye mera 2nd year hai hindi parte hue , isiliye mera hindi achhi nehi hai but i tried my best . Sorry jinta bhi mai janti thi wo ma likh diyi so pls dont mind ........ Sorry......

If you like you can mark me as brainliest

You can message me in the comment box .........


namitamondal195046: Hi pls dont mind
harsh553333: Hi
namitamondal195046: Who r you
harsh553333: Harsh
namitamondal195046: I am subhamita
Answered by janvi47
5

Hey Mates,

Here is your answer....

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★ तानसेन

→ तानसेन ब्राम्हण परिवार में जन्मे थे, किन्तु बाद में संभवतः उन्होंने इस्लाम धर्म अंगीकार कर लिया था। 5 वर्ष की आयु तक तानसेन ‘स्वर विहीन’ थे। महान संगीताचार्य गुरु हरिदास ने उन्हें अपना शिष्य बनाया और उनको संगीत की दिक्षा दी। उनकी प्रतिभा जाग उठी और शीघ्र ही अतुलनीय गायक के रूप में उनकी ख्याति फ़ैल गयी।

→ तानसेन एक इतिहासिक शक्सियत है। उनके पिता मुकुंद मिश्रा एक समृद्ध कवी और लोकप्रिय संगीतकार थे, जो कुछ मय तक वाराणसी के धार्मिक मंदिर में रहते थे। जन्म के समय तानसेन का नाम रामतनु था।

→ तानसेन का जन्म उस समय में हुआ था जब बहुत से पर्शियन और मध्य एशियाई अनुकल्प भारतीय क्लासिकल संगीत का सम्मिश्रण कर रहे थे। उनके कार्यो और उनकी रचनाओ से ही आधुनिक कवियों को हिन्दुस्तानी क्लासिकल लोकाचार बनाने की प्रेरणा मिली थी।

→ तानसेन के आरंभिक काल में ग्वालियर पर कलाप्रिय राजा मानसिंह तोमर का शासन था। उनके प्रोत्साहन से ग्वालियर संगीत कला का विख्यात केन्द्र था, जहां पर बैजूबावरा, कर्ण और महमूद जैसे महान संगीताचार्य और गायक गण एकत्र थे और इन्हीं के सहयोग से राजा मानसिंह तोमर ने संगीत की ध्रुपद गायकी का आविष्कार और प्रचार किया था। तानसेन की संगीत शिक्षा भी इसी वातावरण में हुई। राजा मानसिंह तोमर की मृत्यु होने और विक्रमाजीत से ग्वालियर का राज्याधिकार छिन जाने के कारण यहां के संगीतज्ञों की मंडली बिखरने लगी।

→ तब तानसेन भी वृन्दावन चले गये और वहां उन्होंने स्वामी हरिदास जी से संगीत की उच्च शिक्षा प्राप्त की। संगीत शिक्षा में पारंगत होने के उपरांत तानसेन शेरशाह सूरी के पुत्र दौलत ख़ां के आश्रय में रहे और फिर बांधवगढ़ (रीवा) के राजा रामचन्द्र के दरबारी गायक नियुक्त हुए। यहीं पर मुग़ल सम्राट अकबर ने उनके गायन की प्रशंसा सुनकर उन्हें अपने दरबार में बुला लिया और अपने नवरत्नों में स्थान दिया।

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♦ hope its help you.

♦ so please keep asking your problems in brainly..

<marquee>Plz, mark me as a brainlist of you want.


janvi47: thanks
harsh553333: Hi
namitamondal195046: Who r you
harsh553333: Harsh
namitamondal195046: I am subhamita
harsh553333: Ok
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