Hindi, asked by swantnischal2008, 6 months ago

Plzz.......give the bhavarth of these lines......
(from - Giridhar ki kundliyan)​

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Answered by AvengerSetu
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गिरिधर कविराय जी ने अपनी कुंडलियाँ में लाठी और कम्बल के प्रति आदरभाव ,मौकापरस्ती ,सबल का सहारा ,समय के अनुसार कार्य का महत्व आदि बातों को लेकर बड़ी ही मार्मिक ढंग से बात कही है . उनकी कविता ने जनमानस पर बहुत ही प्रभाव छोड़ा है और वे आज भी लोकप्रिय हैं . कवि कहते है कि हमें अपने जीवन में परोपकार को  महत्व देना चाहिए तथा बिना बुलाये ऐसी जगह नहीं जाना चाहिए जहाँ हमारा अपमान हो ,इसी प्रकार कवि अपनी बात पाठकों तक पहुँचाने में सफल रहे हैं .

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