Hindi, asked by mriduagam, 8 months ago

plzzz is pr koi anuchhed likh doo kl subah tk​

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Answered by SamyakTiwari
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1) कई विद्वान लोगों ने कहा है कि जिस मनुष्य का चरित्र ठीक होता है उसका व्यवहार दूसरों के प्रति ठीक होता है वह दूसरों से ईर्ष्या नहीं करता है । हम लोगों को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि घमंड करने से हमारा जीवन नष्ट हो जाता है , हम आगे नहीं बढ़ पाते हैं । ... मनुष्य का सबसे बड़ा धन चरित्र ही माना गया है ।

2) परोपकार को सबसे बड़ा धर्म माना गया है । व्यास जी ने परोपकार को अठारहों पुराणों का निचोड़ बताया है । अपनी भलाई के बारे में तो हर कोई सोचता है, महान वही है जो दूसरों की भलाई सोचता है । वही बड़ा है जो सारे संसार को खुश देखना चाहता है । अपने पड़ोसियों, अपने समाज को खुशहाल और प्रसन्न देखने वाला परोपकारी होता है । वह अपनी हित-चिंता के साथ-साथ दूसरों की हित-चिंता भी करता है ।

वह समाजोपयोगी कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेता है । वह जनकल्याण के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहता है । परोपकार वह गुण है जिसे अपनाकर व्यक्ति को मानसिक सुख एवं संतुष्टि प्राप्त होती है । समाज परोपकारी व्यक्ति को युगों-युगों तक याद रखता है, संसार उसकी जय-जयकार करता है । इसलिए हमें परोपकार के गुण को धारण करने के लिए तत्पर रहना चाहिए ।

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मजदूर पर निबंध / Essay on Labourer in Hindi!

मजदूर हमारे समाज का वह तबका है जिस पर समस्त आर्थिक उन्नति टिकी होती है । वह मानवीय श्रम का सबसे आदर्श उदाहरण है । वह सभी प्रकार के क्रियाकलापों की धुरी है । आज के मशीनी युग में भी उसकी महत्ता कम नहीं हुई है । उद्‌योग, व्यापार,कृषि, भवन निर्माण, पुल एवं सड़कों का निर्माण आदि समस्त क्रियाकलापों में मजदूरों के श्रम का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है ।

मजदूर अपना श्रम बेचता है । बदले में वह न्यूनतम मजदूरी प्राप्त करता है । उसका जीवन-यापन दैनिक मजदूरी के आधार पर होता है । जब तक वह काम कर पाने में सक्षम होता है तब तक उसका गुजारा होता रहता है । जिस दिन वह अशक्त होकर काम छोड़ देता है, उस दिन से वह दूसरों पर निर्भर हो जाता है । भारत में कम से कम असंगिठत क्षेत्र के मजदूरों की तो यही स्थिति है । असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की न केवल मजदूरी कम होती है, अपितु उन्हें किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा भी प्राप्त नहीं होती ।

संगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति कुछ अच्छी है । उन्हें मासिक वेतन, महँगाई भत्ता, पेंशन एवं अन्य सुविधाएँ प्राप्त हैं । उनके काम करने की दशाएँ बेहतर होती हैं । कार्य के दौरान मृत्यु होने पर उन्हें विभाग की ओर से सुरक्षा प्रदान की जाती है ताकि उनका परिवार बेसहारा न हो ।

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