poem for new house opening in hindi
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hope it helps you dear ☺️!!
Step-by-step explanation:
Ghar Par Kavita
घर में जो बड़ा होता है,
वो सबके साथ खड़ा होता है,
जो आलसी होता है
वो बिस्तर पर पड़ा होता है.
तनाव लेने वाले का
बाल झड़ा होता है,
इसके हर काम में
कोई बवाल खड़ा होता है.
जो लोग बड़े होते है,
वो दूसरो के मदत के लिए
हमेशा खड़े होते है.
छोटे लोग अपने
स्वार्थ की गहराईयों
में गड़े होते है.
बुरी आदत हो तो
आखों के नीचे
काला घेरा पड़ जाता है,
पका आम ज्यादा दिन
रख दो तो सड़ जाता है.
पैसा ज्यादा हो
तो इंसान अकड़ जाता है,
चोर कितना भी सयाना हो
एक दिन जरूर पकड़ में आता है.
गुस्से वाला इंसान
अक्सर लड़ जाता है,
लड़ाई ज्याद बढ़ गई
तो गड़बड़ हो जाता है.
घर में कुछ लोग
पढ़ना नहीं चाहते है,
शायद वो अपने जीवन में
आगे बढ़ना नहीं चाहते है.
कुछ लोग खुद को ज्यादा
बुद्धिमान समझते है,
सबकी सुनते है
पर हमेशा अपनी करते है.
दूसरों की तरक्की से जलन है
यह तो हर एक घर का चलन है.
घर, अपना घर, घर होता है जैसा भी हो
हम यहीं पर प्यार पाते है,
बचपन की यादों का भरमार पाते है,
सुरक्षा का एहसास होता है,
जब घर का कोई सदस्य पास होता है.
ANSWER = these is the poem i found hope it will help
Step-by-step explanation:
we have to make by own or we have to copy from else where ?