Hindi, asked by aravindsenthil4934, 1 year ago

Poem in Hindi on shishtachar

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Answered by Anonymous
21
Hey...
पूर्वजो ने जो दी धरोहर
क्या हमने उसे संभाला हैं
या यू ही उसे ढोलक की मानिंद
पीट पीट कर फोड़ डाला हैं
मिले थे जो संस्कार हमे
अपने बाबा दादा से
उन्हे ही हमने रौंद दिया
अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए
इच्छा की हाला को पीकर
नित नित जीते जाते हैं
नही उतरता नशा अहंकार का
बस यू ही पीते जाते हैं
अंधी दौड़ का नशा जो उतरे
तो दिखाई संस्कार पड़े
ना हम बेकार की बातून मे
आपस मे यू लड़े मरे
शिष्टाचार की बाते हमको
एक कहानी लगती हैं
नानी ने जो थी सुनाई
ऐसी ये रवानी लगती हैं
एक बात तुम सुन लो प्यारे
शिष्टाचार ना आया हमको
तो कुछ भी ना आया हैं
कर लो चाहे जितनी उन्नति
फिर भी कुछ ना पाया हैं
शिस्ट हो आचार हमारा
ऐसा हम विचार करे
दे जाए दुनिया को कुछ ऐसा
की दुनिया हमको
युगो युगो तक याद करेl
Hope this would help you.
Mark it as brainliest if you like.
@ Saadya
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