Hindi, asked by dhanush95, 11 months ago

Poem
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Summer
Season​

Answers

Answered by 1Angel25
4
\huge{\underline{\purple{\mathscr{Hey, mate}}}}

\huge{\red{\mathfrak{Answer:-}}}

गर्मी का मौसम है आया
सबको इसने बहुत सताया,
आसमान से आग है बरसे
सूरज ने फैलाई माया।

कूलर, पंखे, ए.सी. चलते
दिन भी न अब जल्दी ढलते,
पल भर में चक्कर आ जाते
थोड़ी दूर जो पैदल चलते।

जून का है जो चढ़े महीना
टप टप टप टप बहे पसीना,
खाने का कुछ दिल न करता
मुश्किल अब तो हुआ है जीना।

सूखा है जल नदियों में
पंछी है प्यासा भटक रहा,
कहीं छाँव न मिलती है उसको
देखो खम्भे पर लटक रहा।

कुल्फी वाला जब आता है
हर बच्चा शोर मचाता है,
खाते हैं सब बूढ़े बच्चे
दिल को ठंडक पहुंचाता है।

सूनी गलियां हो जाती हैं
जब सूर्या शिखर पर होता है,
रात को जब बली गुल हो
तो कौन यहाँ पर सोता है?

न जाने ये है कहाँ से आया
हमने तो इसको न बुलाया,
परेशान इससे सब हैं
ये किसी के भी न मन को भाया।

गर्मी का मौसम है आया
सबको इसने बहुत सताया,
आसमान से आग है बरसे
सूरज ने फैलाई माया।
_________________
<marquee>❣❣❤Happy Dusshera❤❣❣
Answered by chahaljit
1
तपा अंबर
झुलस रही क्यारी
प्यासी है दूब।
सुलगा रवि
गरमी में झुलसे
दूब के पांव।
काटते गेहूं
लथपथ किसान
लू की लहरी।
रूप की धूप
दहकता यौवन
मन की प्यास।
डूबता वक्त
धूप के आईने में
उगता लगे।
सूरज तपा
मुंह पे चुनरिया
ओढ़े गोरिया।
प्यासे पखेरू
भटकते चौपाये
जलते दिन।
खुली खिड़की
चिलचिलाती धूप
आलसी दिन।
सूखे हैं खेत
वीरान पनघट
तपती नदी।
बिकता पानी
बढ़ता तापमान
सोती दुनिया।
ताप का माप
ओजोन की परत
हुई क्षरित।
जागो दुनिया
भयावह गरमी
पेड़ लगाओ।
सुर्ख सूरज
सिसकती नदियां
सूखते ओंठ।
जलते तृण
बरसती तपन
झुलसा तन।
तपते रिश्ते
अंगारों पर मन
चलता जाए।
दिन बटोरे
गरमी की तन्हाई
मुस्काई शाम।
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