Hindi, asked by aayushkumar80896, 4 months ago

poem of arunachal pradesh in hindi

Answers

Answered by tuktuki8
24

Answer:

पर्वत से छन कर झरता है पानी,

जी भर कर पियो

और पियो ।

घाटी-दर-घाटी ऊपर को जाना,

धारण कर लेना शिखरों का बाना,

देता अक्षय जीवन हिमगिरी दानी,

हिमगिरी को जियो

और जियो ।

अतिथि बने बादल के घर में रहना

हिम-वर्षा-आतप हँस-हँस कर सहना

अरुणाचल-धरती परियों की रानी

सुन्दरता पियो

और पियो ।

किन्नर-किन्नरियों के साथ नाचना

स्वर-लय की अनलिखी क़िताब बाँचना,

उर्वशियाँ घर-घर करती अगवानी,

गीतों को जियो

और जियो ।

देना कुछ नहीं और सब कुछ पाना,

ले जाना हो तो घर लेते जाना,

यह सुख है और कहाँ ओ अभिमानी !

इस सुख को पियो

और पियो ।

Explanation:

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Answered by cuteprincess200012
10

Answer:

पर्वत से छन कर झरता है पानी,

जी भर कर पियो

और पियो ।

घाटी-दर-घाटी ऊपर को जाना,

धारण कर लेना शिखरों का बाना,

देता अक्षय जीवन हिमगिरी दानी,

हिमगिरी को जियो

और जियो ।

अतिथि बने बादल के घर में रहना

हिम-वर्षा-आतप हँस-हँस कर सहना

अरुणाचल-धरती परियों की रानी

सुन्दरता पियो

और पियो ।

किन्नर-किन्नरियों के साथ नाचना

स्वर-लय की अनलिखी क़िताब बाँचना,

उर्वशियाँ घर-घर करती अगवानी,

गीतों को जियो

और जियो ।

देना कुछ नहीं और सब कुछ पाना,

ले जाना हो तो घर लेते जाना,

यह सुख है और कहाँ ओ अभिमानी !

इस सुख को पियो

और पियो ।

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