poem on अगर मैं पेड़ होता for kg
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अगर मैं पेड़ होता
मै धरती के आंचल का
एक उपहार होता
बागो में बहारों में
मेरा भी संसार होता
अगर मै पेड़ होता
हरा होता, भरा होता
लता से लद रहा होता
जमीं से, आसमां तक
मेरा भी आकार होता
अगर मै पेड़ होता
मेरी बाहें बडी होती
जडे जकडी हुई होती
मै खुद के पैर पर
अनवरत खडा होता
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