poem on bhai in hindi ?
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हर ख़ुशी में हर गम में साथ हो
भाई तुम पापा के सर का ताज हो
बहनों की खुशियों का तुम ही तो इक राज हो
तुम हीं तो इस रक्षा बंधन की लाज हो
दिखने को पत्थर से कठोर दिखते हो
अपनों पर मुसीबत अाने पर मोम जैसे पिघलते हो
ना जाने बिन कहे मन की बात कैसे जान लेते हो
हमारी परेशानियों को हमेशा अपना मान लेते हो
करते थे हम दोनो साथ मिलकर हमेशा मस्ती
सब हो जाते थे खुश हमे देखकर हमेशा हँसते
जब भी तूने मुझे रुलाया है सबने मुझे रोते देखा है
पर विदाई में सिर्फ मैंने तुझे सबसे छुपकर रोते देखा है
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