poem on "children"
Need : Maximum 5 poems
I need these till tomorrow please try to do as soon as possible.
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Answer:
The children are playing about outside in the beutiful shine of the sun. Oh what fun they are having since summer has just begun. Summer for them is all fun and games but they know it dosn't last forever. They try to enjoy themselves while they still can but they just can't seem to have max fun at all. They play and play until they can't anymore then its the end of summer.
Explanation:
Answer:
bache mann ke sache
बच्चे मन के सच्चे
सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
खुद रूठे, खुद मन जाये, फिर हमजोली बन जाये
झगड़ा जिसके साथ करें, अगले ही पल फिर बात करें
इनकी किसी से बैर नहीं, इनके लिये कोई ग़ैर नहीं
इनका भोलापन मिलता है, सबको बाँह पसारे
बच्चे मन के सच्चे ...
इन्ससान जब तक बच्चा है, तब तक समझ का कच्चा है
ज्यों ज्यों उसकी उमर बढ़े, मन पर झूठ क मैल चढ़े
क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे, लालच की आदत घेरे
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे
बच्चे मन के सच्चे ...
2.
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है
भोली-भाली मतवाली आँखों में क्या है
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी...
भीख में जो मोती मिले लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आँसुओं का बोलो क्या करोगे
भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आँसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते-फिरते जीने में मज़ा है
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी...