Poem on cleanliness in hindi for class 5
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धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो |
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो |
आओ हम सब मिलजुल कर,
इस धरती को ही स्वर्ग बना दें |
देकर सुंदर रूप धरा को ,
कुरूपता को दूर भगा दें |
नैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,
नैतिकता से काम करें |
गंदगी फैला भूमि पर
माँ को न बदनाम करें |
माँ तो है हम सब की रक्षक
हम इसके क्यों बन रहे भक्षक
जन्म भूमि है पावन भूमि,
बन जाएँ इसके संरक्षक |
कुद्रत ने जो दिया धरा को
उसका सब सम्मान करो |
न छेड़ो इन उपहारों को,
न कोई बुराई का काम करो |
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो |
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो |
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7
Hi dear♥♥♥
|
पर्यावरण
रहा ना जल पीने लायक
वायु ना जीने लायक
भूमि भी हो गयी है बंझर
कैसा है ये मंझर ?
कान फोड़ती आवाजों का
फैला घातक शोर
उर्वरकों की बीमारी का
भूमि में है जोर
पानी बिजली कि बर्बादी
नित बढ़ती ये आबादी
कूड़ेदान बनी ये नदियाँ
कलुषित हुयी ये पूरवईयां
लुप्त हो रहे वन जंगल
लुप्त हो रहे प्राणी
लुप्त हो रही है नदियाँ
और लुप्त हो रही धानी.
जल, वायु और ये भूमि
कुछ भी स्वच्छ अब रहा नहीं
रोग मिल रहे ऐसे
ऐसे जिनकी कोई दवा नहीं.
-Monika Jain 'पंछी
These are two poem ..........
Thanks ♥♥♥♥
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पर्यावरण
रहा ना जल पीने लायक
वायु ना जीने लायक
भूमि भी हो गयी है बंझर
कैसा है ये मंझर ?
कान फोड़ती आवाजों का
फैला घातक शोर
उर्वरकों की बीमारी का
भूमि में है जोर
पानी बिजली कि बर्बादी
नित बढ़ती ये आबादी
कूड़ेदान बनी ये नदियाँ
कलुषित हुयी ये पूरवईयां
लुप्त हो रहे वन जंगल
लुप्त हो रहे प्राणी
लुप्त हो रही है नदियाँ
और लुप्त हो रही धानी.
जल, वायु और ये भूमि
कुछ भी स्वच्छ अब रहा नहीं
रोग मिल रहे ऐसे
ऐसे जिनकी कोई दवा नहीं.
-Monika Jain 'पंछी
These are two poem ..........
Thanks ♥♥♥♥
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