poem on cricket in hindi
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Hey...
जंगल मे भी आ गया, क्रिकेट का बुखार।
मैच देखने आ गए जंतु कई हजार।
भालू-दल ने खेली पाली, कुल अस्सी रन जोड़े।
सोचा, हो गई जीत, इतने रन नही थोड़े।
सिंह-दल ने तब लिया मोर्चा, लडडू पर पहला विकेट गवाया,
बैट उठाए, हेलमेट पहने लोमड़ दादा तब आया।
गुगली फेंकी तब खरहे ने, लोमड़ हो गए बोल्ड।
दर्शक हँसे और चिल्लाए, बोल्ड-बोल्ड हाँ बोल्ड।
तब आए कप्तान सिंह जी, आते मारा छक्का।
अगली दो गेंदों पर चौका, खरहा हक्का-बक्का।
तब हाथी ने गेंद संभाली, गीदड़ को ललचाया,
सीधी डाली गेंद और गीदड़ को कैच कराया।
खेल मे आई जान देख, कप्तान सिंह मुस्काए।
अगले ओवर की गेंदों पर, छक्के सभी लगाये।
किन्तु दूसरी ओर तो कोई टिक न सका कुछ देर।
महज जोड़कर आठ रन, चार हो गए ढेर।
छठे खिलाड़ी रूप मे तब गीदड़ जी आए,
दो-एक करके किसी तरह से पंद्रह रन ही बनाए।
लिये गेंद चीता जब दौड़ा, कप्तान नहीं घबड़ाया।
बैट घुमाया बड़े जोर से गेंद को सीमा पार कराया।
जीत हो गई सिंह के दल की, जा भालु ने हाथ मिलाया।
खेल-भावना देख देख यह सबका मन हर्षाया।
Hope this would help you.
Mark it as brainliest if you like.
@ Saadya
जंगल मे भी आ गया, क्रिकेट का बुखार।
मैच देखने आ गए जंतु कई हजार।
भालू-दल ने खेली पाली, कुल अस्सी रन जोड़े।
सोचा, हो गई जीत, इतने रन नही थोड़े।
सिंह-दल ने तब लिया मोर्चा, लडडू पर पहला विकेट गवाया,
बैट उठाए, हेलमेट पहने लोमड़ दादा तब आया।
गुगली फेंकी तब खरहे ने, लोमड़ हो गए बोल्ड।
दर्शक हँसे और चिल्लाए, बोल्ड-बोल्ड हाँ बोल्ड।
तब आए कप्तान सिंह जी, आते मारा छक्का।
अगली दो गेंदों पर चौका, खरहा हक्का-बक्का।
तब हाथी ने गेंद संभाली, गीदड़ को ललचाया,
सीधी डाली गेंद और गीदड़ को कैच कराया।
खेल मे आई जान देख, कप्तान सिंह मुस्काए।
अगले ओवर की गेंदों पर, छक्के सभी लगाये।
किन्तु दूसरी ओर तो कोई टिक न सका कुछ देर।
महज जोड़कर आठ रन, चार हो गए ढेर।
छठे खिलाड़ी रूप मे तब गीदड़ जी आए,
दो-एक करके किसी तरह से पंद्रह रन ही बनाए।
लिये गेंद चीता जब दौड़ा, कप्तान नहीं घबड़ाया।
बैट घुमाया बड़े जोर से गेंद को सीमा पार कराया।
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