Hindi, asked by monikataneja19pbc17a, 11 months ago

poem on discipline in hindi​

Answers

Answered by Saumya004
8

\huge\mathbb\green{ANSWER!!!!}

●चल-चलकर चींटी ना थकती,

करती अनुशासन की भक्ति।

खुद से ज्यादा बोझ उठाकर,

आसमान को लक्ष्य बनाकर।

प्रति पल आगे बढ़ती जाती,

कर्मभाव हमको सिखलाती।

गजब दृढ़ आदर्श हैं उसके,

साथी कभी मार्ग ना भटके।

दृढ़ निश्चय कर वह बलखाती,

प्रेमभाव से पंक्ति बनाती।

प्रति पल आगे बढ़ाती जाती,

कर्मभाव हमको सिखलाती।

लिखे निरंतर ऐसी गाथा,

ठोंक रहा था भूपति माथा।

सदा पराजय उसके हाथ,

मिला उसे चींटी का साथ।

दृढ़ निश्चय कर कदम बढ़ाया,

विजय स्वयं उसके कर आया।

यही मंत्र वह हमें बताती,

लक्ष्य निरंतर उसको भाती।

प्रति पल आगे बढ़ाती जाती,

कर्मभाव हमको सिखलाती।

Answered by Premlatasoni
3

ashvasan ka mahatva

is dunia me kya lekar aaye hai,

kya lekar jaana hai,

sab moh maaya hai.

acha behave karo

aur pqdo


monikataneja19pbc17a: poem is very small
vaibhavgoel6gmailcom: no it is large
Premlatasoni: thank
Premlatasoni: you for taking my side
Premlatasoni: actually it was just for fun
Premlatasoni: and thank you for
Premlatasoni: giving me thanks
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