poem on diwali in hindi
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दीवाली त्योहार जल्द आ रही
घर घर में दिये जलाने
मिठाई आनंद सब में बांटने
कपड़े नए बच्चों को पहनाने
बोनस परिवार को खुश करे
संस्कृति संस्कार हमारे ऊंचे उड़े
मत धर्म दुश्मनी भूल मिलें गले
आए घर बेटा पोता बेटी पोती जमाई
घर पूरा साफ, डालें दीवार रंग नई
महालक्ष्मी पूजा से सब की भलाई
रॉकेट पटाके फुलझड़ी जलाकर मन भरना
पर्यावरण ध्वनि प्रदूषण ज्यादा नहीं करना
हैं अनार जमीन चक्कर आकाश तारे
छोटे बड़े बम जलाने चाहे मन हमारे
कुछ बच्चे हँसे कुछ उनसे डरे
निकला धुआँ मच्छर सब को मारे
अंधेरे गगन तारे लाल नील हरे चमके
अच्छा होगा जलाएं कम प्रदूषणवाले पटाके
घर घर में दिये जलाने
मिठाई आनंद सब में बांटने
कपड़े नए बच्चों को पहनाने
बोनस परिवार को खुश करे
संस्कृति संस्कार हमारे ऊंचे उड़े
मत धर्म दुश्मनी भूल मिलें गले
आए घर बेटा पोता बेटी पोती जमाई
घर पूरा साफ, डालें दीवार रंग नई
महालक्ष्मी पूजा से सब की भलाई
रॉकेट पटाके फुलझड़ी जलाकर मन भरना
पर्यावरण ध्वनि प्रदूषण ज्यादा नहीं करना
हैं अनार जमीन चक्कर आकाश तारे
छोटे बड़े बम जलाने चाहे मन हमारे
कुछ बच्चे हँसे कुछ उनसे डरे
निकला धुआँ मच्छर सब को मारे
अंधेरे गगन तारे लाल नील हरे चमके
अच्छा होगा जलाएं कम प्रदूषणवाले पटाके
kvnmurty:
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Answer:
प्रदूषण मुक्त दिवाली
हर घर दीप जग मगाए तो दिवाली आयी हैं,
लक्ष्मी माता जब घर पर आये तो दिवाली आयी हैं!
दो पल के ही शोर से क्या हमें ख़ुशी मिलेंगी,
दिल के दिए जो मिल जाये तो दिवाली आयी हैं !
घर की साफ सफ़ाई से घर चमकाएँ तो दिवाली आयी हैं,
पकवान – मिठाई सब मिल कर खाएं तो दिवाली आयी हैं!
फटाकों से रोशनी तो होंगी लेकिन धुँआ भी होंगा,
दिए नफ़रत के बुज जाएँ तो दिवाली आयी हैं!
इस दिवाली सबके लिए यही सन्देश हैं की
इस दिवाली हम लक्ष्मी का स्वागत दियों के करे,
फटाकों के शोर और धुएं से नहीं
इस बार दिवाली प्रदुषण मुक्त मनायेंगे!
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