Hindi, asked by bldgsydinsp1989, 3 months ago

poem on forest man of india in hindi

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Answered by megha205168
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में अपने भीतर छोड़ आयी

एक पूरा भरा जंगल

जहां तहां रोड़ा बनते

वृक्ष विस्तार लिए

कटे ठूंठ

सूखे पत्तों का शोर

शिकारी की मचान

रोबदार शब्दों की चुभन

जड़ों का रोना

रोम विहीन त्वचा पर

अमर बेल सा

नहीं लिपटना अब

जंगल थे

जंगल ही रह गए तुम

मैं कोई वन देवी नहीं

हाड -मांस का टुकड़ा भी नहीं

एक ह्रदय पिंड हूं

जो सिर्फ साँसे ही नहीं भर्ती

हंस भी सकती है

नाच भी सकती है

चीख भी सकती है

और अब गुर्रा भी सकती है।

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