poem on घमंडी का सर हैमेशा नीचा होता है
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जामुन के पेड़ को धराशायी देखकर बाँस का पेड़ बहुत दुःखी हुआ। बाँस का पेड़ सोचने लगा―'यदि जामुन के पेड़ ने मेरी बात मानकर हवा का सम्मान किया होता तो आज उसका अंत नहीं होता। यह जामुन का पेड़ तो घमंडी था। शायद इसे नहीं मालूम था कि घमंडी का सिर हमेशा नीचा ही होता है।
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