poem on hindi India of my dreams
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अँधेरे की ये चादर तान रुख़ जो तुमने अपनाया,
न जाने किसपे साधा तीर निशाना किसपे है आया।सुखाकर नन्हे फूलों को जो कीमत तुमने है पायी ,
सुखाकर नन्हे फूलों को जो कीमत तुमने है पायी ,वो शायद ही किसी की भी समझ में आज तक आयी।ख़ुदा का मान न करके अजब तालीम जो पायी,
ख़ुदा का मान न करके अजब तालीम जो पायी,वजह कोई रही होगी किसी की जान पे आयी।मज़हबी दंगे करवाके जो तुमने जीत है पाई ,
मज़हबी दंगे करवाके जो तुमने जीत है पाई ,बहाकर ख़ूँ अनेकों का ज़मीं जो तुमने हथियाई।ये मज़हब जान जाते ग़र मज़हबी पुस्तकें पढ़ते ,
ये मज़हब जान जाते ग़र मज़हबी पुस्तकें पढ़ते ,धरम को ही न पहचाने धरमके नाम पर लड़ते ।यही 'उस्मान' का सपना जगत में नाम कर जाए,
यही 'उस्मान' का सपना जगत में नाम कर जाए,रहेंगे याद हर दम काम कुछ ऐसे वो कर जाए ।न टूटे जो लिए संकल्प अपने सत्य शिव सुन्दर ,
न टूटे जो लिए संकल्प अपने सत्य शिव सुन्दर ,'मेरे सपनों का भारत'तो हक़ीक़त में बदल जाए|
समाज शुद्ध हो, संस्कृति से मुग्ध हो
सारे जहाँ में महान हो
न किसी के हाथ मे कटोरा हो
सभी का अच्छा बसेरा हो
जिससे जिन्दगी में नया सवेरा हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
गंगा हो या यमुना हो
सभी सफाई का एक नमुना हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी का एक ही विचार हो
नहीं कहीं भृष्टाचार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
सबकी एक ही लड़ाई हो
सबके पास पढ़ाई हो
सफाई का बडा आकार हो
'स्वच्छ भारत' साकार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी एक समान हो
न किसी के साथ भेदभाव हो
हम सब में एक ही 'जान' हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
बाल-विवाह, पर्दा प्रथा, छुआछुत, भेदभाव
इन सबका नाश हो
जिससे भारत की विकास हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
समाज शुद्ध हो, संस्कृति से मुग्ध हो
सारे जहाँ में महान हो
न किसी के हाथ मे कटोरा हो
सभी का अच्छा बसेरा हो
जिससे जिन्दगी में नया सवेरा हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
गंगा हो या यमुना हो
सभी सफाई का एक नमुना हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी का एक ही विचार हो
नहीं कहीं भृष्टाचार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
सबकी एक ही लड़ाई हो
सबके पास पढ़ाई हो
सफाई का बडा आकार हो
'स्वच्छ भारत' साकार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी एक समान हो
न किसी के साथ भेदभाव हो
हम सब में एक ही 'जान' हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
बाल-विवाह, पर्दा प्रथा, छुआछुत, भेदभाव
इन सबका नाश हो
जिससे भारत की विकास हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
समाज शुद्ध हो, संस्कृति से मुग्ध हो
सारे जहाँ में महान हो
न किसी के हाथ मे कटोरा हो
सभी का अच्छा बसेरा हो
जिससे जिन्दगी में नया सवेरा हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
गंगा हो या यमुना हो
सभी सफाई का एक नमुना हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी का एक ही विचार हो
नहीं कहीं भृष्टाचार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
सबकी एक ही लड़ाई हो
सबके पास पढ़ाई हो
सफाई का बडा आकार हो
'स्वच्छ भारत' साकार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी एक समान हो
न किसी के साथ भेदभाव हो
हम सब में एक ही 'जान' हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
बाल-विवाह, पर्दा प्रथा, छुआछुत, भेदभाव
इन सबका नाश हो
जिससे भारत की विकास हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
समाज शुद्ध हो, संस्कृति से मुग्ध हो
सारे जहाँ में महान हो
न किसी के हाथ मे कटोरा हो
सभी का अच्छा बसेरा हो
जिससे जिन्दगी में नया सवेरा हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
गंगा हो या यमुना हो
सभी सफाई का एक नमुना हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी का एक ही विचार हो
नहीं कहीं भृष्टाचार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
सबकी एक ही लड़ाई हो
सबके पास पढ़ाई हो
सफाई का बडा आकार हो
'स्वच्छ भारत' साकार हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
सभी एक समान हो
न किसी के साथ भेदभाव हो
हम सब में एक ही 'जान' हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो
मेरे सपनों का भारत कैसा हो
बाल-विवाह, पर्दा प्रथा, छुआछुत, भेदभाव
इन सबका नाश हो
जिससे भारत की विकास हो
ऐसे मेरे सपने का भारत हो