poem on independence day in hindi
Answers
sajaa-sanwaara mera desh,
duniya jis par garv kare–
nayan sitaara mera desh.
chaandi-sona mera desh,
safal salona mera desh,
sural jaisa aalokit–
sukh ka kona mera desh.
phoolon waala mera desh,
jhoolon waala mera desh,
Ganga-Yamuna ki maala ka,
phoolon waala mera desh.
aage jaaye mera desh,
nit naye muskaaye mera desh.
itihaason mein barh-charh kar–
naam likhaaye mera desh
Explanation:
कोठियों से मुल्क के
मेयार को मत आंकिये,
असली हिंदुस्तान तो फुटपाथ पर आबाद है|
इधर एक दिन की आमदनी का औसत है चवन्नी का,
उधर लाखों में गांधी जी के चेलों की कमाई है|
कोई भी सिरफिरा धमका के जब चाहे जिना कर ले,
हमारा मुल्क इस माने में बुधुआ की लुगाई है|
और
जो उलझ कर रह गई है फाइलों के जाल में,
गाँव तक वो रोशनी आएगी कितने साल में|
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए,
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिए|
जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़,
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिए|
जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को,
किस तरह अश्लील है संसद की भाषा देखिए|
और
आजादी का वो जश्न मनाएँ तो किस तरह,
जो आ गए फुटपाथ पर घर की तलाश में|
पैसे से आप चाहें तो सरकार गिरा दें,
संसद बदल गई है यहाँकी नखास में|
जनता के पास एक ही चारा है बगावत,
यह बात कह रहा हूँ मैं होशो-हवास में||