English, asked by Anonymous, 9 months ago

poem on Indian army ​by a CLG student

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Answered by Anonymous
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Answer:

युद्ध में जख्मी सैनिक साथी से कहता है:

‘साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;

यदि हाल मेरी माता पूछे तो, जलता दीप बुझा देना!

इतने पर भी न समझे तो दो आंसू तुम छलका देना!!

यदि हाल मेरी बहना पूछे तो, सूनी कलाई दिखला देना!

इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ दिखा देना !!

यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो, मस्तक तुम झुका लेना!

इतने पर भी न समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना!!

यदि हाल मेरे पापा पूछे तो, हाथों को सहला देना!

इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना!!

यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो, सर उसका सहला देना!

इतने पर भी न समझे तो, सीने से उसको लगा लेना!!

यदि हाल मेरा भाई पूछे तो, खाली राह दिखा देना!

इतने पर भी न समझे तो, सैनिक धर्म बता देना!!

मैं कॉलेज की तो नहीं हूँ पर फिर भी.....

वन्देमातरम्

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