Hindi, asked by ashokromi, 5 months ago

Poem on जल बिन सब बेकार

Note- It should be 50-100 words

Answers

Answered by loveguru7862000
1

Answer:

सदा हमें समझाए नानी,

नहीं व्यर्थ बहाओ पानी ।

हुआ समाप्त अगर धरा से,

मिट जायेगी ये ज़िंदगानी ।

नहीं उगेगा दाना-दुनका,

हो जायेंगे खेत वीरान ।

उपजाऊ जो लगती धरती,

बन जायेगी रेगिस्तान ।

हरी-भरी जहाँ होती धरती,

वहीं आते बादल उपकारी ।

खूब गरजते, खूब चमकते,

और करते वर्षा भारी ।

हरा-भरा रखो इस जग को,

वृक्ष तुम खूब लगाओ ।

पानी है अनमोल रत्न,

तुम एक-एक बूँद बचाओ ।

Answered by Hezal12
0

Answer:

सदा हमें समझाए नानी,

नहीं व्यर्थ बहाओ पानी ।

हुआ समाप्त अगर धरा से,

मिट जायेगी ये ज़िंदगानी ।

नहीं उगेगा दाना-दुनका,

हो जायेंगे खेत वीरान ।

उपजाऊ जो लगती धरती,

बन जायेगी रेगिस्तान ।

हरी-भरी जहाँ होती धरती,

वहीं आते बादल उपकारी ।

खूब गरजते, खूब चमकते,

और करते वर्षा भारी ।

हरा-भरा रखो इस जग को,

वृक्ष तुम खूब लगाओ ।

पानी है अनमोल रत्न,

तुम एक-एक बूँद बचाओ ।

Explanation:

Hope it's helpful to you :) :)

Similar questions