Poem on nari shksha in hindi
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Explanation:
कल तक जो थी नादान
बना रही आज खुद की पहचान
मिला नहीं उन्हें कभी सम्मान
होता रहा सदा घोर अपमान
शिक्षा से बन रही अब महान
समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान
लड़कों से आगे है नारी
शिक्षा से हर क्षेत्र में बाजी मारी
अपनी भूमिका निभाती सारी
इनसे ही होती दुनिया प्यारी
शिक्षा से आई नई जान
बना रही आज खुद की पहचान
शिक्षा पर अगर न होता विश्वास
न हो पाती जागरूक,न हो पाता विकास
न हो पाती दहलीज के पार
मिल न पाता सही अधिकार
न कर पाती देश का उद्धार
होती रहती शोषण का शिकार
कर न पाएँगे रूढ़िवादी उनका अपमान
समाज में बढ़ रहा अब उनका सम्मान
खत्म होगी पुरुषों पर निर्भरता
खत्म होगी शिक्षा से निर्धनता
कर रही अब कुरीतियों का दमन
खुल गए रास्ते,उड़ने को खुला गगन
खेलों में भी हो रहा नाम
संभाल लेंगी एक दिन देश की कमान
कल तक जो थी नादान
हो रहा अब उनका सम्मान
चुप नहीं रहेंगी अब बहुत हुआ सहना
तोड़ देंगी बेड़ियां,मन लुभाने वाला गहना
अनेकों नारियों ने किया पर्यास
बढ़ती रहे आजादी बढ़ता रहे विश्वास
कर रही अब हर बाधा का सामना
बढ़ता रहे शिक्षा का प्रसार करती यही कामना
कल तक जो थी नादान
देश में हो रहा अब उनका सम्मान