poem on nature in hindi
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लो, फिर आ गया जाड़ों का मौसम ,
पहाड़ों ने ओढ़ ली चादर धूप की
किरणें करने लगी अठखेली झरनों से
चुपके से फिर देख ले उसमें अपना रूप ।
ओस भी इतराने लगी है
सुबह के ताले की चाबी
जो उसके हाथ लगी है ।
भीगे पत्तों को अपने पे
गुरूर हो चला है
आजकल है मालामाल
जेबें मोतियों से भरीं हैं ।
धुंध खेले आँख मिचोली
हवाओं से
फिर थक के सो जाए
वादियों की गोद में ।
आसमान सवरने में मसरूफ है
सूरज इक ज़रा मुस्कुरा दे
तो शाम को
शरमा के सुर्ख लाल हो जाए ।
बर्फीली हवाएं देती थपकियाँ रात को
चुपचाप सो जाए वो
करवट लेकर …
HEY PRIYA HERE'S YOURS ANSWER.
PLEASE MARK ME AS BRAINLIEST
Explanation:
Pure calcium carbonate can be produced from marble, or it can be prepared by passing carbon dioxide into a solution of calcium hydroxide. In the later case calcium carbonate is derived from the mixture, forming a grade of product called "precipitated calcium carbonate,” or PCC.