Hindi, asked by prerna4647, 1 year ago

poem on prakriti in hindi​

Answers

Answered by zubair7481
1

Answer:

prakruti ek paheli

Explanation:

prakruti sang jo mel rachaya, dard bhey se dur bhagaya. Sunderta ka rang bharsake, dukht mann ko hai behelaya. Ashcharya phir bhi hu main, ki Vaayu, Jal, Parwat, main gunje, kai raaz ko khoj nikalne reh gaye aab bhi iss Darti main.....

Answered by mohitesh742486
5

Answer:

प्रकृति की लीला न्यारी,

कहीं बरसता पानी, कही बहती नदियां,

कहीं उफनता समंद्र है,

तो कहीं शांत सरोवर है।

कभी प्रकृति का रूप अनोखा ,

कभी चलती साए-साए हवा,

तो कभी मौन हो जाती,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कभी गगन नीला, लाल, पीला हो जाता है,

तो कभी काले-सफेद बादलों से घिर जाता है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कभी सूरज रोशनी से जग रोशन करता है,

तो कभी अंधियारी रात में चाँद तारे टिम टिमाते है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कभी सुखी धरा धूल उड़ती है,

तो कभी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कहीं सूरज एक कोने में छुपता है,

तो दूसरे कोने से निकलकर चोंका देता है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

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