Hindi, asked by smp2, 1 year ago

poem on sawchh in hindi without use internet please help me

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Answered by abhi178
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स्वच्छ पर्यावरण , निर्मल काया खुशहाल राष्ट्र की पहचान है ।
आज हमने कसम खायी है , अस्वच्छता दूर भगानी है ।।२।।

मलेरिया , डायरिया , डेंगू  आदि अस्वच्छता के हथियार हैं ।
हमे  झुकाने हमेशा रहते ये तैयार हैं ।
झुके न हमारा मस्तक इस हेतु बल हमे लानी है ।
आज हमने कसम खायी है अस्वच्छता दूर भगानी है ।।२।।

सुनो हे भाई , सुनो हे बहनों जन-जन ये बातें फैलानी है ।
मन का मंदिर है देवालय , स्वच्छता का मंदिर शौचालय है ।
रखे स्वच्छ घर व आँगन बिमारियाँ दूर भगानी है ।
आज हमने कसम खायी है अस्वच्छता दूर भगानी है ।।२।।

घर - घर हो शौचालय एवं उपयोग करना कुड़े - दान है ।
आज हमने कसम खायी है , अस्वच्छता दूर भगानी है ।।२।।

उपयोग करे जैविक वस्तु का , पॉलीथिन दूर भगानी है।
उचित प्रबंधन हो कचरे से बनता प्राकृतिक खाद व गैस है ।
आज हमने कसम खायी है अस्वच्छता दूर भगानी है ।।२।।

जाग उठा विश्व सहित हमारा हिन्दूस्तान है ।
जन-जन पहूँचे लहर स्वच्छता की अनको अभियान जारी है  ।
सफल रहे सारे अभियान , आज हमने ठानी है ।
आज हमने कसम खायी है अस्वच्छता दूर भगानी है ।।२।।

Anonymous: Awesome one dude ^^
HappiestWriter012: '-'
Anonymous: "_"
smp2: thanks for poem great abhi
saka82411: nice thoughts abhi
aishowrya: Awesome one Abhi bhai ^^
abhi178: tq
Anonymous: '-'
rishilaugh: thanks abhi
Anonymous: '-'
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