poem on sharad ritu in hindi
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नवल रूप बिखरा है धरा पर
आज शरद ऋतु आयी है
उदय भास्कर हुआ गगन पर
स्वर्ण किरन लहराई हैसरवर का शीतल जल छूकर
मलय समीरण आयी है
कलरव मधुर मधुर चिड़ियों का
पड़ने लगा सुनाई हैमौसम के संग उपवन में भी
नूतन रंगत आई है
खेतों में पीली सरसों भी
फूली है इठलाई हैश्वेत सुगंधित सेवंती ने
छटा नयी बिखरायी है
मुदित हुए सब जन मौसम में
बड़ी खुमारी छायी है- प्रीति हजेला
आज शरद ऋतु आयी है
उदय भास्कर हुआ गगन पर
स्वर्ण किरन लहराई हैसरवर का शीतल जल छूकर
मलय समीरण आयी है
कलरव मधुर मधुर चिड़ियों का
पड़ने लगा सुनाई हैमौसम के संग उपवन में भी
नूतन रंगत आई है
खेतों में पीली सरसों भी
फूली है इठलाई हैश्वेत सुगंधित सेवंती ने
छटा नयी बिखरायी है
मुदित हुए सब जन मौसम में
बड़ी खुमारी छायी है- प्रीति हजेला
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