Math, asked by sibbu, 1 year ago

poem on soil in hindi

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Answered by Soma6u3k
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मैं  हूँ मिट्टी , रहती हूँ  आप सब के पैरों के तल , लेकिन 
देती  हूँ सब लोगों को प्यास बुझाने पीने का मीठा अमृत  जल  
और खाने के  लिए तरह तरह के स्वादिष्ठ फल, अनाज और दाल ,
और बालों  में सजाने, पूजने  और घर सजाने,  सुंदर महकते  फूल ।  

और क्या चाहिए आप को ?    और क्या करते हो आप लोग ? 

मैं देती हूँ सोना, चांदी, खनिज, धातुएँ, वज्र, हीरे  और पत्थर 
जिनसे  आप सब करते हो अपने बदन को  अलंकार 
और करते हो  मुझ में छेद बड़े बड़े, घहरा खोदते हो 
बनाने मजबूत घरों के बुनियाद , फिर भी मैं दुखी नहीं । 

और क्या चाहिए आप को ?    और क्या करते हो आप लोग ? 

सब गंदगी,  प्लास्टिक, हानिकारक रसायन  मुझ में ना मिलाओ,
मुझे यानि अपनी मिट्टी को साफ रखो, मेरे अंदर के पानी को बचाओ, 
मुझसे ना रूठो,  पैसो के चक्कर में, भूल ना करो,  ना ठुकराओ,
अपने जात , परिवार और संसार को मर मिटने से बचाओ । 
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