Hindi, asked by tushaa, 1 year ago

poem on swachh toilets in school

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Answered by saniarisha
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स्कूल हमर दूसरा घर है.

यहाँ हम दिनके छे से सात घंटे बिताते है.

यहाँ के चीज़े साफ़ रखना हमारा कर्त्तव्य है.

शौचालय जो की हम स्कूल में हर रोज़ स्तेमाल करते है , कुछ दिन के बाद गन्दा हो जाता है.

इससे हम बीमार हो सकते है.

हमारा ध्यान पर्ने से ज़्यादा इन सब जागो से लगी रहेगी.

इसका दुर्गन्ध हमें पर्ने नहीं देगा.

हमें शौचालय में कूड़े नहीं फेक ने चाहिए.

हमें शौचालय से निकलने से पहले , पानी देना चाहिए.

इससे हम हमारे स्कूल के शौचालय स्वच्छ रख पाएंगे.

हम इस तरस से अपने पराई पर ज़्यादा ध्यान लगा पाएंगे  और स्वस्थ भी रहेंगे.
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