Hindi, asked by bestmedicinefamily, 1 year ago

poem on teacher in Hindi ​

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Answered by Aruna421
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Hey mate....

सही क्या है, गलत क्या है,

ये सब बताते हैं आप,झूठ क्या है और सच क्या है

ये सब समझाते है आप,

जब सूझता नहीं कुछ भी

राहों को सरल बनाते हैं आप,

जीवन के हर अँधेरे में,

रौशनी दिखाते हैं आप,

बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े

नया रास्ता दिखाते हैं आप,

सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं

जीवन जीना सिखाते हैं आप!

सही क्या है, गलत क्या है,

ये सब बताते हैं आप,झूठ क्या है और सच क्या है

ये सब समझाते है आप,

जब सूझता नहीं कुछ भी

राहों को सरल बनाते हैं आप,

जीवन के हर अँधेरे में,

रौशनी दिखाते हैं आप,

बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े

नया रास्ता दिखाते हैं आप,

सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं

जीवन जीना सिखाते हैं आप!

गुरु बिन ज्ञान नहीं

गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है,

जब तक है दिनमान नहीं रे॥

मिले न गुरु का अगर सहारा,

मिटे नहीं मन का अंधियारा

लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता,

पग आगे रखते मन डरता।

हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे।

गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥

जब तक रहती गुरु से दूरी,

होती मन की प्यास न पूरी।

गुरु मन की पीड़ा हर लेते,

दिव्य सरस जीवन कर देते।

गुरु बिन जीवन होता ऐसा,

जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥

भटकावों की राहें छोड़ें,

गुरु चरणों से मन को जोड़ें।

गुरु के निर्देशों को मानें,

इनको सच्ची सम्पत्ति जानें।

धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का,

कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥

गुरु से जब अनुदान मिलेंगे,

अति पावन परिणाम मिलेंगे।

टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे।

क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥

HOPE IT HELPS YOU....

^-^

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