Hindi, asked by badri9846, 11 months ago

Poem on varsha ritu in hindi for poem on Varsha in Hindi with it bhav
poem on rain in Hindi ​

Answers

Answered by sunita6817
6

Answer:

umad ghumad kar aate badal

garaj barash kar aate badal

kale kale bhure pile

Kitna hume darate badal

Answered by sushmitha8318
3

Answer:

मुझे  \: भरोसा \:  है  \:  \\ ये \:  काम \:  करेगा

मेघ  \: आये  \: बड़े  \: बन- \: ठन  \: के, \:  सँवर \:  के। \\ </p><p>आगे-आगे  \: नाचती – गाती  \: बयार \:  चली \\ </p><p>दरवाजे- \: खिड़कियाँ  \: खुलने \:  लगी \:  गली-गली \\ </p><p>पाहुन  \: ज्यों  \: आये \:  हों \:  गाँव  \: में \:  शहर \:  के। \\ </p><p>पेड़  \: झुक  \: झाँकने  \: लगे  \: गरदन  \: उचकाये \\ </p><p>आँधी  \: चली,  \: धूल \:  भागी  \: घाघरा  \: उठाये \\ </p><p>बांकीचितवन  \: उठा  \: नदी,  \: ठिठकी, \:  घूँघट  \: सरके। \\ </p><p>बूढ़े़ \:  पीपल \:  ने  \: आगे  \: बढ़  \: कर जुहार \:  की \\ </p><p>‘बरस  \: बाद \:  सुधि  \: लीन्ही’ \\ </p><p>बोली  \: अकुलाई  \: लता  \: ओट  \: हो किवार \:  की \\ </p><p>हरसाया  \: ताल  \: लाया \:  पानी \:  परात  \: भर \:  के। \\ </p><p>क्षितिज  \: अटारी \:  गदरायी \:  दामिनि \:  दमकी \\ </p><p>‘क्षमा  \: करो \:  गाँठ  \: खुल  \: गयी \:  अब  \: भरम  \: की’ \\ </p><p>बाँध  \: टूटा  \: झर-झर  \: मिलन  \: अश्रु \:  ढरके \\ </p><p>मेघ  \: आये  \: बड़े  \: बन-ठन  \: के, \:  सँवर \:  के। \\

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