poem on water pollution in hindi
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पानी पर कविता (Poem on (Jal) Water in Hindi)
जल, पृथ्वी पर है सबसे अनमोल रत्न
इसके बगैर कुछ नहीं कर सकते यत्न
सब कुछ करता सब कुछ भरता
धरती पर जीवन इसी में चलता
अब हम इसका कर रहे दुरुपयोग
जिसके कारण जग रहे हैं, कई नए रोग
धरती के नीचे से खींच रहें हैं,
अंधाधुंध पानी,
जिससे धरती नीचे हो रही बेजानी
पानी का सदा करों सदुपयोग
आए न सूखा न कोई रोग,
रोको यह जल रोहन अभियान
वरना बिना मौत के गवाओगे अपनी जान
सब मिलकर करे ऐसा प्रयास जिससे
जल दोहन संकट की समझ में आए
सबकी बात,
व्यर्थ न फेंके जल की एक भी बूंद
सुधारे गलती व अपनी भूल
हम न सुधरे या न सुधरे समाज
तो प्यासे ही गँवाएंगे अपनी जान
सोच – समझकर करे प्रयास मिल सारे
जो न समझे उसको करो वारे न्यारे
करें प्रतिज्ञा व्यर्थ न फेंकेगे जल की एक बूंद
तभी होगी संकट सबके मिलने से दूर |
पानी पर कविता “जल का महत्व”(Hindi Poem on Water)
कभी जल की महत्ता को,
“बयाँ” हम कर नहीं सकते |
बिना पानी के जीवन में,
हम रह नहीं सकते ||
बचाये नीर की हर बूंद को,
हम साथ में मिलकर ||
भूखे रह नहीं सकते,
पियासे रह नहीं सकते ||
कभी जल की महत्ता को,
पानी पर कविता “जलधार” (Poem on Water in Hindi)
प्राणों की रक्षा के खातिर,
याद रखे हर बार |
बचायें पानी की जलधार,
यही है जीवन का आधार ||
इसका दूसरा हल भी नहीं है,
इसके बिना तो कल भी नहीं है |
ये है प्यासे की दरकार,
बचायें पानी की जलधार ||
न करे प्रदूषित नीर कभी,
न तो व्यर्थ बहाये |
तब पिये सकल परिवार,
बचाये पानी की जलधार ||
वाह्य स्वच्छता तन की रहेगी,
अंतर्मन भी मुदित रहेगा |
लगेगा खुशियों का अम्बार,
बचाये पानी की जलधार ||
बूंद – बूंद को मोती समझे,
दिल माँ की तरह प्यार |
सब मिलकर करे ललकार,
बचायें पानी की जलधार ||