poem on weather in hindi
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mausam
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Mausam
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03 -NOV-2015 ABHA ADEEB RAZDAN SEASON POEMS 3 COMMENTS 8,817 VIEWS
Abha Adeeb Razdan
हर मौसम की अपनी बात अपना मज़ा
हर मौसम को खूब जियो नही बनाना इसे सजा
गरमी जब आती है तब खूब पसीने भी लाती है
लेकिन तब छोटी गुडिया बर्फ़ के गोले खाती है
ए सी पंखा चला चला के कमरे को सब ठंडा करते
ठंडी आइसक्रीम खाते ठंडा ठंडा पानी पीते
बरसात में भीगने का तो अपना ही मज़ा है अलग
खूब नहाते ,गाना गाते ,भीगते ,खेलते देर तलक
शाम को अम्माँ खूब गरम गरम पकौड़ियाँ तलती
पापा खाते ,मैं भी खाता ,पप्पू खाता ,मुन्नी खाती
जाड़ा आता फिर हम सब लोग स्वेटर कोट पहनते
गरम गरम सब खाना खाते और रात में आग तापते
दिन में चौपालों पे मोहल्ले में खूब बैठकें लगती
बैठक में सब के लिए बार बार फिर चाय बनती
हर मौसम का अपना मज़ा अपना ही होता है रंग
मजे उडाओ सभी मनाओ खूब आनंद