Poems on clouds, sky, sun, moon and river in hindi.
Answers
बादल, आकाश, सूर्य, चंद्रमा और नदी पर कविता|
Poems on clouds, sky, sun, moon and river in hindi.badal, aakash, soory,chandrma or nadi par kavita
१. देखो ऊपर बादल आये
वर्षा के संदेशा लाये
सबके तन-मन को हर्षाये
कृषकों को समृद्ध बनाये
जीवन रुपी जल बरसाए
फसलों को तृप्त कर जाये
सब जीवों की तृषा बुझाये
ढेर सारा अन्न उपजाए
धरती को जीवन दे जाये
स्वागत करो बादल आये|
२. नीला अम्बर कितना सुंदर
इन्द्रधनुष का ये आश्रय स्थल
सूरज,चाँद का ये रखवाला
तारों को भी रखे संभाल
इस पर नित्य चमत्कार होते
सारे ग्रह विचरण करते
हमको ये लगता है प्यारा
अनगिनत रंग बदलने वाला|
३. सूरज चाचू जीवन देते
इनके बिना हम अंधे होते
कुछ न दिखता दायें- बाएं
फिरते सब प्राणी बोराये
बीमारी को रखते दूर
रौशनी देते सबको भरपूर
इनकी गर्मी जीवनदात्री
किरने इनकी ताप बरसाती
गर्मी में होते विकराल
सर्दी में करते है निहाल|
४. उजला चंद्रमा अलख जगाये
सुन्दरता का रस बरसाए
प्रेमियों को ये विकल बनाये
सौन्दर्य के प्रतिमान सिखाये
इसकी शीतलता ताप मिटाए
सभी जनों को रोशन बनाये
इसकी चांदनी संताप मिटाए
प्रशमन का सन्देश सुनाये|
५. नदी
कितना शीतल,कितना निर्मल
नदी का जल यूँ बहता कलकल
आईने सा स्वच्छ ये पानी
जल जन्तुओ को देता आनंद
मानव को जीवन देता है
फसलों को उन्नत रखता है
पशु-पक्षी भी प्यास बुझाते
तैरकर इसमें अति हर्षाते
नदी तुम्हारे अनगिनत उपकार
हम नही भूलेंगे तुम्हारा सम्मान|
Answer:
बादल, आकाश, सूर्य, चंद्रमा
और नदी पर कविता|
Poems on clouds, sky, sun, moon and river in hindi.
badal, aakash, soory,chandrma or nadi par kavita
१.
देखो ऊपर बादल आये
वर्षा के संदेशा लाये
सबके तन-मन को हर्षाये
कृषकों को समृद्ध बनाये
जीवन रुपी जल बरसाए
फसलों को तृप्त कर जाये
सब जीवों की तृषा बुझाये
ढेर सारा अन्न उपजाए
धरती को जीवन दे जाये
स्वागत करो बादल आये|
२.
नीला अम्बर कितना सुंदर
इन्द्रधनुष का ये आश्रय
स्थल
सूरज,चाँद का ये रखवाला
तारों को भी रखे संभाल
इस पर नित्य चमत्कार होते
सारे ग्रह विचरण करते
हमको ये लगता है प्यारा
अनगिनत रंग बदलने वाला|
३.
सूरज चाचू जीवन देते
इनके बिना हम अंधे होते
कुछ न दिखता दायें- बाएं
फिरते सब प्राणी बोराये
बीमारी को रखते दूर
रौशनी देते सबको भरपूर
इनकी गर्मी जीवनदात्री
किरने इनकी ताप बरसाती
गर्मी में होते विकराल
सर्दी में करते है निहाल|
४.
उजला चंद्रमा अलख जगाये
सुन्दरता का रस
बरसाए
प्रेमियों को ये
विकल बनाये
सौन्दर्य के
प्रतिमान सिखाये
इसकी शीतलता ताप
मिटाए
सभी जनों को रोशन
बनाये
इसकी चांदनी संताप
मिटाए
प्रशमन का सन्देश
सुनाये|
५.
नदी
कितना शीतल,कितना निर्मल
नदी का जल यूँ बहता
कलकल
आईने सा स्वच्छ ये
पानी
जल जन्तुओ को देता आनंद
मानव को जीवन देता
है
फसलों को उन्नत रखता
है
पशु-पक्षी भी प्यास
बुझाते
तैरकर इसमें अति
हर्षाते
नदी तुम्हारे अनगिनत
उपकार
हम नही भूलेंगे
तुम्हारा सम्मान|