poems on moon in hindi
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श्री चंदा मामा रे
आकाश में थे बैठे
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
तू दूर काले आसमान में
दोस्त है तेरे चमकते तारे
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
तू सफेद चाँद, उज्ज्वल चाँद रे
लग रहा आसमान का मोती है
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
बड़े चाँद, ओ प्यारे चाँद रे
तेरी परछाई इस पानी में
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
मुझे पता है तू कल फिर आएगा रे
दुवा मेरी है की तू ऐसे ही चमकता रहे
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
hope this poem will help you.
आकाश में थे बैठे
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
तू दूर काले आसमान में
दोस्त है तेरे चमकते तारे
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
तू सफेद चाँद, उज्ज्वल चाँद रे
लग रहा आसमान का मोती है
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
बड़े चाँद, ओ प्यारे चाँद रे
तेरी परछाई इस पानी में
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
मुझे पता है तू कल फिर आएगा रे
दुवा मेरी है की तू ऐसे ही चमकता रहे
छोटा सा मैं छत पे
देख रहा तुझे।
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1st poem
चंदा मामा नील गगन में, जब देखो हंसते रहते हैं। चमचम चमचम वह तम हरते, हरदम चलते ही रहते हैं। कभी नहीं वह रुकते पलभर, जब मिलते हैं हमसे हंसकर। हंसो-हंसाओ सदा रहो खुश, यह संदेश दिया करते हैं। चंदा मामा...
2nd poem
चंदा मामा हमें बताओ रोज कहाँ से आते हो कभी थाली से गोल दिखते हो कभी हँसिया हो जाते हो। वैसे तो तुम रोज ही आते कभी-कभी छुप जाते हो। मेरा मन करता है मामा पास तुम्हारे आऊँ मैं नहीं जानता इसके लिए...
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