poems on sundar bharat in hindi
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सब देशों से न्यारा
गोद में इसके अनगिनत नदियाँ बहती हैं
गंगा, यमुना, सरस्वती तीनों कहती हैं
उनका ये मिलन कहा जाता संगम
प्रयाग तीर्थ राज में बहती त्रिवेणी धारा
सिर पर तेरे खड़ा हिमालय कहलाता वो ताज
चरणों को धोता सागर रखता माँ की लाज
केरल है हरा, कर्नाटक चंदन से भरा
कश्मीर महके केसर की भीनी खुशबू से सारा नील गगन भी हँस रहा खुश होकर आज
आजादी के दिवस पर सर्वत्र बज रहे साज
आई शुभ घड़ी लाई, खुशियों की लड़ी
गाएँ हम सब मिलकर भारत तुझ पर नाज
भारत प्यारा देश हमारा।
सब देशों से न्यारा।।
भारत हमारा कैसा सुंदर सुहा रहा है
शुचि भाल पै हिमाचल, चरणों पै सिंधु-अंचल
उर पर विशाल-सरिता-सित-हीर-हार-चंचल
मणि-बद्धनील-नभ का विस्तीर्ण-पट अचंचल
सारा सुदृश्य-वैभव मन को लुभा रहा है
भारत हमारा कैसा सुंदर सुहा रहा है
उपवन-सघन-वनालि, सुखमा-सदन, सुखाली
प्रावृट के सांद्र धन की शोभा निपट निराली
कमनीय-दर्शनीया कृषि-कर्म की प्रणाली
सुर-लोक की छटा को पृथिवी पे ला रहा है
भारत हमारा कैसा सुंदर सुहा रहा है
सुर-लोक यहीं पर, सुख-ओक है यहीं पर
स्वाभाविकी सुजनता गत-शोक है यहीं पर
शुचिता, स्वधर्म-जीवन, बेरोक है यहीं पर
भव-मोक्ष का यहीं पर अनुभव भी आ रहा है
भारत हमारा कैसा सुंदर सुहा रहा है
हे वंदनीय भारत, अभिनंदनीय भारत
हे न्याय-बंधु, निर्भय, निर्बंधनीय भारत
मम प्रेम-पाणि-पल्लव-अवलंबनीय भारत
मेरा ममत्व सारा तुझमें समा रहा है
भारत हमारा कैसा सुंदर सुहा रहा है
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Mera bharat mahan essay in hindi upto 200 words
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