Science, asked by bhuvaneshgamer333, 27 days ago

political parties of India in essay​

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Answered by archiarchu
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प्रजातंत्र से तात्पर्य जनता के लिए जनता द्वारा निर्मित जनता की सरकार है । अत: सैद्धान्तिक रूप से इस प्रकार की शासन प्रणाली जनता पर आधारित होती है ।

लेकिन प्रजातांत्रिक प्रणाली का उद्देश्य भी प्रशासन ही है । इसलिए इससे पहले लोगों को संगठन की आवश्यकता महसूस होती है । राजनैतिक दल संगठन की इस भूमिका को निभाते हैं । राजनैतिक दल प्रजातंत्र के मुख्य आधार हैं । ये दल जनमत का प्रतिपादन और प्रसार करते है ।

विभिन्न आवश्यक और अनावश्यक मामलों के संबंध में ये दल निर्णय लेते हैं, और आवश्यक मामलों में जनता और सरकार का ध्यान केन्द्रित करते है । इस प्रकार वे जनता में राजनैतिक जागरूकता उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण योगदान देते है । राष्ट्रीय हित के विषयों और उसकी समस्याओं को मिटाने का प्रयास करते हैं । चुनाव के दौरान विरोधी दल जनता के सम्मुख विकल्प को प्रस्तुत करते हैं ।

यदि सत्तारूढ़ सरकार जनता की आशा के अनुरूप कार्य न कर रही हो, तो अगले चुनाव में अन्य दलों को सरकार बनाने का मौका मिलता है । विरोधी दल सत्तारूढ़ दल के अनुचित कार्यो की आलोचना करते हैं । वे सदैव सत्तारूढ़ दल की त्रुटियों अथवा गलत कार्यो पर सूक्ष्म दृष्टि रखते हैं ।

इससे जनहित को बढ़ावा भी मिलता है । सत्तारूढ़ सरकार जनकल्याण आदि कार्यो को ठीक ढंग से निभाती है, ताकि वह विरोधी दल की आलोचना का शिकार न बन सके । अत: आधुनिक प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अनेक दल विद्यमान होते हैं । भारत की दलीय व्यवस्था का उदभव उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षो में हुआ ।

उस समय तक भारत में अंग्रेजों का शासन सौ वर्षो से भी अधिक का हो गया था । यहाँ के शिक्षित लोगों ने अंग्रेजी भाषा के माध्यम से पाश्चात्य सिद्धांतों, विचारो को ग्रहण किया और विदेशी शासन के हाथों भारतवासियों की पीड़ा को अनुभव किया । लेकिन यह जागरूकता केवल शिक्षित लोगों तक ही सीमित थी ।

परिणामत: राजनैतिक पुनर्निमाण की शुरूआत बहुत सीमित रूप में हुई । विभिन्न संगठनों की बैठकों में ब्रिटिश सरकार के विरोध तथा स्वतंत्रता की मांग संबंधी बहुत मंद स्वर सुनने को आते थे । राष्ट्रीय कांग्रेस जिसका उद्देश्य देश में स्वतंत्रता के आंदोलन को बढ़ाना था, की शुरूआत भी धीमे स्वरों से हुई । इसकी स्थापना एक ब्रिटिश सिविल अधिकारी ए. ओ. हयूम ने की थी, जिसका मुख्य कारण केवल सावधानीपूर्वक समाधानों तक पहुँचना था । इसके विचार चरम आधुनिकता से संपन्न थे ।

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