Pollution Essay in hind 250 words
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आज के समय में प्रदूषण भारत में एक ऐसी समस्या बन चुका है, जिसका हर कोई सामना कर रहा है। वह बच्चे जो 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12वीं कक्षा में पढ़ते है उन्हें अक्सर प्रदूषण के विषय में निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। इसलिए अभिभावकों के लिए यह काफी आवश्यक है की वह प्रदूषण के प्रकारों के विषय में, इसके कारणों के विषय में तथा इससे बचाव के तरीकों के विषय में जाने जिससे वह अपने बच्चों को भी इस विषय में समझा सके और इससे बचने के तरीके बता सके। ऐसे ही कुछ निबंधो के नीचे दिया है जो इस विषय में आपके तथा आपके बच्चों के लिए काफी सहायक होंगे। इन दिये गये निबंधो में से आप अपनी आवश्यकता अनुसार किसी भी निबंध का चयन कर सकते है।जैसा कि हम सब जानते है कि हमारे स्वस्थ रहने में हमारे वातावरण का एक बहुत अहम योगदान है और एक अच्छा वातावरण हमारी सावधानियों और अच्छी आदतों से ही तैयार हो सकता है। मनुष्य, जीव-जन्तु, तमाम पेड़-पौधे तथा पृथ्वी सभी किसी ना किसी तरह से पर्यावरण से जुड़े हुए है। जोकि हमारे स्वस्थ्य जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।
हालांकि अगर पर्यावरण में किसी प्रकार का भी नकरात्मक बदलाव आता है, तो यह हमारे सामान्य तथा स्वास्थ्य जीवन पर भी कई तरह के प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न करता है। हमारा पर्यावरण हमारे लिए हमारा प्राकृतिक आवास है और हमें तमाम तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचाता है। लेकिन अगर हम प्रकृति का संतुलन बिगाड़ देगें तो हमें इसके बदले में कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
Explanation:
प्रदूषण को कई प्रकारों में बांटा जा सकता है जैसे कि ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और जल प्रदूषण आदि। वाहनों की बढ़ती संख्या, जहरीलें गैसों के उत्सर्जन, कारखानों से निकलने वाले धुएं और तरल एयरोसोल आदि के कारण हमारे ग्रह पर वायु प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी वायु प्रदूषण की कारण जिस हवां में हम सांस लेते है, उसके द्वारा हमें कई तरह की फेफड़ो की बीमारियां हो जाती है।
इसी तरह के भूमि और जल प्रदूषण पानी तथा भूमि में कई तरह के कीटाणु, जीवाणु और हानिकारक रसायन आदि मिलने के कारण उत्पन्न होता है। पीने के पानी में भी कई तरह के कीटनाशक, फंसग, जीवाश्म तत्व और थोरियम आदि मिलने के कारण जल प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती है।