English, asked by stuti68, 11 months ago

pollution hindi assey​

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 \color{red} \huge\bold\star \underline \mathcal {Hey \:Mate }\star

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प्रदूषण शब्द से आज केवल वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि संसार का प्रत्येक बच्चा भी अनजान नहीं रहा क्योंकि आज हमारे वातावरण (Environment) की हर वस्तु प्रदूषण से प्रभावित हो रही है । वायुमण्डल हो या मिट्‌टी (Soil), चाहे नदी हो या तालाब और पेड़-पौधे सब प्रदूषित पर्यावरण (Polluted Echo System) के कारण अशुद्ध हो गये हैं ।

इसी कारण न केवल वायुमण्डल के तापमान (Temperature) में परिवर्तन हो रहा है बल्कि मौसम (Season) के चक्र (Cycle) पर भी बुरा असर पड़ा है । मिट्‌टी भी अब पहले जैसी फसल (Crop) नहीं उगाती और न ही नदियों का पानी पीने या नहाने लायक रह गया है ।

इसी कारण न केवल वायुमण्डल के तापमान (Temperature) में परिवर्तन हो रहा है बल्कि मौसम (Season) के चक्र (Cycle) पर भी बुरा असर पड़ा है । मिट्‌टी भी अब पहले जैसी फसल (Crop) नहीं उगाती और न ही नदियों का पानी पीने या नहाने लायक रह गया है ।पेड़ों की छाँह भी पहले जैसा आराम नहीं देती और न कोई बगीचा या पार्क सुबह-शाम टहलने (Walking) लायक रहा । सब तरफ शोर, दुर्गंध (Bad smell) और नाना प्रकार के रोगों (Diseases) का खतरा कायम है ।

इसी कारण न केवल वायुमण्डल के तापमान (Temperature) में परिवर्तन हो रहा है बल्कि मौसम (Season) के चक्र (Cycle) पर भी बुरा असर पड़ा है । मिट्‌टी भी अब पहले जैसी फसल (Crop) नहीं उगाती और न ही नदियों का पानी पीने या नहाने लायक रह गया है ।पेड़ों की छाँह भी पहले जैसा आराम नहीं देती और न कोई बगीचा या पार्क सुबह-शाम टहलने (Walking) लायक रहा । सब तरफ शोर, दुर्गंध (Bad smell) और नाना प्रकार के रोगों (Diseases) का खतरा कायम है ।2. कारण और उपाय:

इसी कारण न केवल वायुमण्डल के तापमान (Temperature) में परिवर्तन हो रहा है बल्कि मौसम (Season) के चक्र (Cycle) पर भी बुरा असर पड़ा है । मिट्‌टी भी अब पहले जैसी फसल (Crop) नहीं उगाती और न ही नदियों का पानी पीने या नहाने लायक रह गया है ।पेड़ों की छाँह भी पहले जैसा आराम नहीं देती और न कोई बगीचा या पार्क सुबह-शाम टहलने (Walking) लायक रहा । सब तरफ शोर, दुर्गंध (Bad smell) और नाना प्रकार के रोगों (Diseases) का खतरा कायम है ।2. कारण और उपाय:प्रकृति की इस बुरी अवस्था का सबसे बड़ा कारण है तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या (Population) और दूसरों से स्वयं को धनी दिखाने की होड़ (Contest) । अधिक लोगों को जीवित रखने के लिए अधिक अन्न (Food grains) की जरूरत है ।

इसी कारण न केवल वायुमण्डल के तापमान (Temperature) में परिवर्तन हो रहा है बल्कि मौसम (Season) के चक्र (Cycle) पर भी बुरा असर पड़ा है । मिट्‌टी भी अब पहले जैसी फसल (Crop) नहीं उगाती और न ही नदियों का पानी पीने या नहाने लायक रह गया है ।पेड़ों की छाँह भी पहले जैसा आराम नहीं देती और न कोई बगीचा या पार्क सुबह-शाम टहलने (Walking) लायक रहा । सब तरफ शोर, दुर्गंध (Bad smell) और नाना प्रकार के रोगों (Diseases) का खतरा कायम है ।2. कारण और उपाय:प्रकृति की इस बुरी अवस्था का सबसे बड़ा कारण है तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या (Population) और दूसरों से स्वयं को धनी दिखाने की होड़ (Contest) । अधिक लोगों को जीवित रखने के लिए अधिक अन्न (Food grains) की जरूरत है ।अत: कम समय में अधिक पैदा करने के लिए मिट्टी में रासायनिक पदार्थों (Chemical Substances) का अधिक प्रयोग किया जाता है । अधिक जनसंख्या के सामान हेतु पेड़ों की अधिक कटाई होती है जिससे वातावरण में ऑक्सीजन कम हो जाता है ।

इसी कारण न केवल वायुमण्डल के तापमान (Temperature) में परिवर्तन हो रहा है बल्कि मौसम (Season) के चक्र (Cycle) पर भी बुरा असर पड़ा है । मिट्‌टी भी अब पहले जैसी फसल (Crop) नहीं उगाती और न ही नदियों का पानी पीने या नहाने लायक रह गया है ।पेड़ों की छाँह भी पहले जैसा आराम नहीं देती और न कोई बगीचा या पार्क सुबह-शाम टहलने (Walking) लायक रहा । सब तरफ शोर, दुर्गंध (Bad smell) और नाना प्रकार के रोगों (Diseases) का खतरा कायम है ।2. कारण और उपाय:प्रकृति की इस बुरी अवस्था का सबसे बड़ा कारण है तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या (Population) और दूसरों से स्वयं को धनी दिखाने की होड़ (Contest) । अधिक लोगों को जीवित रखने के लिए अधिक अन्न (Food grains) की जरूरत है ।अत: कम समय में अधिक पैदा करने के लिए मिट्टी में रासायनिक पदार्थों (Chemical Substances) का अधिक प्रयोग किया जाता है । अधिक जनसंख्या के सामान हेतु पेड़ों की अधिक कटाई होती है जिससे वातावरण में ऑक्सीजन कम हो जाता है ।अधिक जनसंख्या से अधिक गंदगी भी पैदा होती है जिसे नदियों में बहा दिया जाता है । इससे जल प्रदूषित हो जाता है । अधिक शोर से ध्वनि प्रदूषण होता है । अधिक कल-कारखाने लगाने से वायु प्रदूषित होती है । इन सभी प्रकार के प्रदूषणों को समाप्त करने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित (Control) करना चाहिए अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए यज्ञ करना चाहिए और सफाई के सभी नियमों का पालन करना चाहिए ।

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