pollution in ndi a story
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Q. pollution in Hindi a story
दोस्तों हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day के रूप में मनाते हैं। हमने कभी जाना हैं की इस दिवस को हम क्यों मनाते हैं। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठा सकें।
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एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में पता होना चाहिए।
“पर्यावरण की रक्षा, दुनियाँ की सुरक्षा!”
पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले प्रमुख पदार्थ हैं-
1. जमा हुए पदार्थ जैसे- धुआं, धूल, ग्रिट, घर आदि।
2. रासायनिक पदार्थ जैसे – डिटर्जेंट्स, आर्सीन्स, हाइड्रोजन, फ्लोराइड्स, फॉस्जीन आदि।
3. धातुएं जैसे- लोहा, पारा, जिंक, सीसा।
4. गैसें जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया, क्लोरीन, फ्लोरीन आदि।
5. उर्वरक जैसे- यूरिया, पोटाश एवं अन्य।
प्रदूषकों के प्रकार (Types of Pollutants)
प्रदूषक मुख्य दो प्रकार के हैं।
1. अक्षयकारी प्रदूषक (Non-Degradable Pollutants)- इनके अंतर्गत वे प्रदूषक आते हैं, जो या तो अपघटित नहीं होते या प्रकृति में इनका निम्नीकरण (Degradation) बहुत धीमी गति से होता है। जैसे –एल्यूमीनियम, मरक्यूरिक लवण, लंबी श्रृंखला वाले फेनोसिक्स तथा D.D.T. आदि।
2. जैव निम्नीकरण या क्षयकारी योग्य प्रदूषक (Biodegradable Pollutants)- यह घरेलू उपार्जक पदार्थ होते हैं, जिनका विघटन प्रकृति में आसानी से हो जाता है। जब ये पदार्थ एकत्रित हो जाते हैं, तब अनेक समस्याएं उत्पन्न करते हैं।
प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollutions)
प्रदूषण निम्न प्रकार के होते हैं-
1. वायु प्रदूषण,
2. जल प्रदूषण,
3. ध्वनि प्रदूषण,
4. मृदा प्रदूषण,
5 रेडियोधर्मी प्रदूषण,
6. तापीय प्रदूषण,
7. समुद्री प्रदूषण।
1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)
वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें एक निश्चित अनुपात में पाई जाती हैं। वायुमंडल में विभिन्न घटकों में मौलिक, रासायनिक या जैविक गुणों में होने वाले अवांछनीय परिवर्तन, जो जैवमंडल को किसी-न-किसी रूप में दुष्प्रभावित करते हैं, संयुक्त रूप से वायु प्रदूषक कहलाते हैं तथा वायु के प्रदूषित होने की यह घटना वायु प्रदूषण कहलाती है।
वायु प्रदूषण के कारण एवं स्रोत (Causes and Sources & Air Pollution) वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण तथा उसके स्रोत निम्नानुसार हैं-
1. स्वचालित वाहन एवं मशीनें (Automobiles and Machines)- स्वचालित वाहनों जैसे-मोटर, ट्रक, बस, विमान, ट्रैक्टर तथा अन्य प्रकार की अनेक मशीनों में डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल आदि के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, अदग्ध हाइड्रोकार्बन, सीसा व अन्य विषैली गैसें वायु में मिलकर उसे प्रदूषित करती हैं। विषैले वाहक निर्वात (Vehicular Exhausts) वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।
2. औद्योगिक कल-कारखानें (Industrial Factories)-कारखानों की चिमनियों से निकले धुएं में सीसा, पारा, जिंक, कॉपर, कैडमियम, आर्सेनिक एवं एस्बेस्टस आदि के सूक्ष्मकण तथा कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, हाइड्रोजन-फ्लोराइड जैसी गैसें होती हैं, जो जीवधारियों के लिए अत्यधिक हानिकारक होती हैं। पेट्रोलियम रिफाइनरी वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं, जिनमें SO2 (सल्फर डाइऑक्साइड) तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड (CO2) प्रमुख हैं।
4. धूल (Dust)- औद्योगिक इकाइयों से संबंधित खदानों जैसे-लौह अयस्क तथा कोयले के खदानों की धूल से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा रोग उत्पन्न होते हैं।
वायुमंडल में उत्सर्जित विभिन्न प्रकार के प्रदूषक (Various Pollutants)- विभिन्न प्रकार के प्रमुख प्रदूषक जो अनेक क्षेत्रों से वायुमंडल में उत्सर्जित किए जाते हैं, उनमें निम्नलिखित प्रदूषक हैं-
1. कार्बन यौगिक (Carbon Compounds) – इसमें कार्बन मोनो ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्रमुख हैं।
2. सल्फर यौगिक (Sulpher Compounds)- ये सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), हाइड्रोजन (H2) तथा (H2SO4) आदि प्रमुख हैं।
3. नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nitrogen Oxides)- इसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन ऑक्साइड ही रहते हैं, जैसे- NO, NO2, or HNO3
4. ओजोन (O3) इसका स्तर मानव क्रियाओं द्वारा बढ़ सकता है।
5. फ्लोरो कार्बन (Fluoro Carbons)- ये गैसें विभिन्न उद्योगों द्वारा कीटनाशकों के छिड़काव द्वारा हवा में मिलते हैं।
वायु प्रदूषण के नियंत्रण के उपाय (Controlling Measures of Air Pollution)- वायु प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निम्नलिखित विधियां अपनाई जाती हैं-
1. मानव जनसंख्या वृद्धि को रोकने का प्रयास करना चाहिए।
2. नागरिकों या आम जनता को वायु प्रदूषण के कुप्रभावों का ज्ञान कराना चाहिए।
3. धुम्रपान पर नियंत्रण लगा देना चाहिए।
4. कारखानों के चिमनियों की ऊंचाई अधिक रखना चाहिए।
5. कारखानों के चिमनियों में फिल्टरों का उपयोग करना चाहिए।
6. मोटरकारों और स्वचालित वाहनों को ट्यूनिंग करवाना चाहिए ताकि अधजला धुआं बाहर नहीं निकल सकें।
7. अधिक-से-अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
8. उद्योगों की स्थापना शहरों एवं गांवों से दूर करनी चाहिए।
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I hope it's help you....!! :)) ✌️✌️
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Q. pollution in Hindi a story
दोस्तों हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day के रूप में मनाते हैं। हमने कभी जाना हैं की इस दिवस को हम क्यों मनाते हैं। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठा सकें।
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एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में पता होना चाहिए।
“पर्यावरण की रक्षा, दुनियाँ की सुरक्षा!”
पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले प्रमुख पदार्थ हैं-
1. जमा हुए पदार्थ जैसे- धुआं, धूल, ग्रिट, घर आदि।
2. रासायनिक पदार्थ जैसे – डिटर्जेंट्स, आर्सीन्स, हाइड्रोजन, फ्लोराइड्स, फॉस्जीन आदि।
3. धातुएं जैसे- लोहा, पारा, जिंक, सीसा।
4. गैसें जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया, क्लोरीन, फ्लोरीन आदि।
5. उर्वरक जैसे- यूरिया, पोटाश एवं अन्य।
प्रदूषकों के प्रकार (Types of Pollutants)
प्रदूषक मुख्य दो प्रकार के हैं।
1. अक्षयकारी प्रदूषक (Non-Degradable Pollutants)- इनके अंतर्गत वे प्रदूषक आते हैं, जो या तो अपघटित नहीं होते या प्रकृति में इनका निम्नीकरण (Degradation) बहुत धीमी गति से होता है। जैसे –एल्यूमीनियम, मरक्यूरिक लवण, लंबी श्रृंखला वाले फेनोसिक्स तथा D.D.T. आदि।
2. जैव निम्नीकरण या क्षयकारी योग्य प्रदूषक (Biodegradable Pollutants)- यह घरेलू उपार्जक पदार्थ होते हैं, जिनका विघटन प्रकृति में आसानी से हो जाता है। जब ये पदार्थ एकत्रित हो जाते हैं, तब अनेक समस्याएं उत्पन्न करते हैं।
प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollutions)
प्रदूषण निम्न प्रकार के होते हैं-
1. वायु प्रदूषण,
2. जल प्रदूषण,
3. ध्वनि प्रदूषण,
4. मृदा प्रदूषण,
5 रेडियोधर्मी प्रदूषण,
6. तापीय प्रदूषण,
7. समुद्री प्रदूषण।
1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)
वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें एक निश्चित अनुपात में पाई जाती हैं। वायुमंडल में विभिन्न घटकों में मौलिक, रासायनिक या जैविक गुणों में होने वाले अवांछनीय परिवर्तन, जो जैवमंडल को किसी-न-किसी रूप में दुष्प्रभावित करते हैं, संयुक्त रूप से वायु प्रदूषक कहलाते हैं तथा वायु के प्रदूषित होने की यह घटना वायु प्रदूषण कहलाती है।
वायु प्रदूषण के कारण एवं स्रोत (Causes and Sources & Air Pollution) वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण तथा उसके स्रोत निम्नानुसार हैं-
1. स्वचालित वाहन एवं मशीनें (Automobiles and Machines)- स्वचालित वाहनों जैसे-मोटर, ट्रक, बस, विमान, ट्रैक्टर तथा अन्य प्रकार की अनेक मशीनों में डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल आदि के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, अदग्ध हाइड्रोकार्बन, सीसा व अन्य विषैली गैसें वायु में मिलकर उसे प्रदूषित करती हैं। विषैले वाहक निर्वात (Vehicular Exhausts) वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।
2. औद्योगिक कल-कारखानें (Industrial Factories)-कारखानों की चिमनियों से निकले धुएं में सीसा, पारा, जिंक, कॉपर, कैडमियम, आर्सेनिक एवं एस्बेस्टस आदि के सूक्ष्मकण तथा कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, हाइड्रोजन-फ्लोराइड जैसी गैसें होती हैं, जो जीवधारियों के लिए अत्यधिक हानिकारक होती हैं। पेट्रोलियम रिफाइनरी वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं, जिनमें SO2 (सल्फर डाइऑक्साइड) तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड (CO2) प्रमुख हैं।
4. धूल (Dust)- औद्योगिक इकाइयों से संबंधित खदानों जैसे-लौह अयस्क तथा कोयले के खदानों की धूल से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा रोग उत्पन्न होते हैं।
वायुमंडल में उत्सर्जित विभिन्न प्रकार के प्रदूषक (Various Pollutants)- विभिन्न प्रकार के प्रमुख प्रदूषक जो अनेक क्षेत्रों से वायुमंडल में उत्सर्जित किए जाते हैं, उनमें निम्नलिखित प्रदूषक हैं-
1. कार्बन यौगिक (Carbon Compounds) – इसमें कार्बन मोनो ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्रमुख हैं।
2. सल्फर यौगिक (Sulpher Compounds)- ये सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), हाइड्रोजन (H2) तथा (H2SO4) आदि प्रमुख हैं।
3. नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nitrogen Oxides)- इसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन ऑक्साइड ही रहते हैं, जैसे- NO, NO2, or HNO3
4. ओजोन (O3) इसका स्तर मानव क्रियाओं द्वारा बढ़ सकता है।
5. फ्लोरो कार्बन (Fluoro Carbons)- ये गैसें विभिन्न उद्योगों द्वारा कीटनाशकों के छिड़काव द्वारा हवा में मिलते हैं।
वायु प्रदूषण के नियंत्रण के उपाय (Controlling Measures of Air Pollution)- वायु प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निम्नलिखित विधियां अपनाई जाती हैं-
1. मानव जनसंख्या वृद्धि को रोकने का प्रयास करना चाहिए।
2. नागरिकों या आम जनता को वायु प्रदूषण के कुप्रभावों का ज्ञान कराना चाहिए।
3. धुम्रपान पर नियंत्रण लगा देना चाहिए।
4. कारखानों के चिमनियों की ऊंचाई अधिक रखना चाहिए।
5. कारखानों के चिमनियों में फिल्टरों का उपयोग करना चाहिए।
6. मोटरकारों और स्वचालित वाहनों को ट्यूनिंग करवाना चाहिए ताकि अधजला धुआं बाहर नहीं निकल सकें।
7. अधिक-से-अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
8. उद्योगों की स्थापना शहरों एवं गांवों से दूर करनी चाहिए।
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