poos ki raat summary exercise
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पूस की रात एक कहानी है जो कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद्र ने बहुत ही अच्छा एक रात का वर्णन किया है जिसमें एक व्यक्ति ठंड से पीड़ित होता है जिसका नाम हल्कू होता है उसने एक साहूकार पर कर्ज ले रखा होता है और वह उस कार्य को चुका पाने में असमर्थ होता है और ठंडी हो का मौसम आने वाला होता है वह साहूकार का कर्ज चुकाने के लिए अपनी पत्नी के पास 69 या 3 बार आता है पत्नी उसे जो हिलाते हुए रुपए दे दिए और बोलते जाओ दे दो ताकि उसे गाली ना सुननी पड़े अगर वह रुपए नहीं देती तो हल्कू को साहूकार पर गाली सुननी पड़ती और वह सोचते हैं कि अगर साहूकार को रुपए दे देंगे तो उनके प्राण छूटेंगे अर्थात प्राण बचेंगे
हल्कू की पत्नी चाहती है कि वह मजदूरी करें और प्रतिदिन कुछ न कुछ कमा अकेला है परंतु हर कोई सोचता है कि वह खेती करके कुछ ज्यादा कमा सकता है इसीलिए वह खेती करने की सोचता है और ठंडी रात में चला जाता है परंतु रात में ठंड ज्यादा है और कुत्ते के साथ लेटा रहता है और रात में आकर आकर जानवर उसकी फसल खा जाते हैं जिससे बहुत दुख होता है।
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हल्कू की पत्नी चाहती है कि वह मजदूरी करें और प्रतिदिन कुछ न कुछ कमा अकेला है परंतु हर कोई सोचता है कि वह खेती करके कुछ ज्यादा कमा सकता है इसीलिए वह खेती करने की सोचता है और ठंडी रात में चला जाता है परंतु रात में ठंड ज्यादा है और कुत्ते के साथ लेटा रहता है और रात में आकर आकर जानवर उसकी फसल खा जाते हैं जिससे बहुत दुख होता है।
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vashu48:
thanks
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