English, asked by anjumabid2010, 1 year ago

poster on donation of eyes

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Answered by PreBoard
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शरीर की अन्धता नही मन की अन्धता बड़ा मर्ज़ है,

उजाला लाने के लिए नेत्रदान हम सबका फ़र्ज़ है.

दो हसीन आंखे दान कर दो, 

प्रेम भरी मुस्कुराहट में ईमान भर दो,

जीवन एक आभा है ,मुझ पर ऐतबार कर लो, 

दोनों बांहे फैलाकर आओ आज प्रेम का संचार कर दो .

चिता में जाएगी ,राख बन जाएगी,

कब्र में जाएगी ,मिटटी बन जाएगी,

नेत्रों का कर दो दान, 

किसी की जिंदगी गुलजार बन जाएगी

नेत्र दान महादान ।

वतन पर अभिमान करिए , स्वयं भी स्वाभिमानी बनिए

किसी की जिंदगी पर बनी हो , तो सहर्ष रक्तदानी बनिए 

नेत्रदान-एक वरदान ।नेत्रदान का संकल्प ले, ताकि किसी का अंधेरा जीवन उजाले से भर जाए। हर स्वस्थ व्यक्ति जिसकी ऑंखे सही सलामत है, नेत्रदान की घोषण कर सकता है।नेत्र दान महा कल्याण ।

आँखों की खूबसूरती पर बेपनाह लिखनेवालो ,एक नज़र उन पर भी डालो जो देख नही सकते ,

"हिरनी " सी आँखों में खो जाने वालो, एक नज़र उनपर भी डालो ,जो देख नही सकते ,

और मेरी "प्रेमिका",मेरी "महताब-ए -चमन " तुझसे भी बस इतनी सी विनती है ,

अपनी दोनों "खुबसूरत" आंखे उनके नाम कर डालो,जो देख नही सकते.

हमारी देह के प्राण विहीन होने पर यदि हमारी आँखें किसी को दृष्टि सुख दे सकती हैं, तो इससे महान कार्य क्या हो सकता है ?आँखों से कीमती कोई रत्न नहीं है। अतः इस से बढ़ा कोई दूसरा दान नहीं है। मरने के बाद जो हमारा नहीं होना उसे दान देने में क्या हर्ज।दृष्टिविहीन लोग तो एक त्रासद अभिशाप झेल रहे होते हैं, जिनके लिये यदि समाज नेत्रदान जैसा पुनीत कार्य करके इन्हें नवजीवन प्रदान कर सके, तो यह पुण्य कार्य रक्तदान से भी श्रेष्ठ दान की श्रेणी का माना जाएगा ।नेत्र दान से बड़ा कोई दान नहीं, जिसमें जीव निर्जीव होकर भी दुसरे के काम आ सकता है ।नेत्रदान मरके भी ज़िंदा रहने का अनमोल वरदान है ।

नरगिसी आंखे तेरी ख़त्म न हो जाये ,

अदा से भरी 'अदा" मिट न जाये ,

करता हूँ इसीलिए "नेत्रदान" की आरजू ,

तू भी देखे ये रंगीन दुनिया और औरो को भी दिखा जाये।।




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