powerful speech on republic day in hindi
Answers
आज हम देखते हैं कि महिलाएं जागरूक, आत्मविश्वासी, सुशिक्षित, स्वावलंबी और प्रगतिशील हैं और भारतीय गणतंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। लेकिन यह संभव हुआ, महिलाओं को संविधान द्वारा मिले शिक्षा के अधिकार के कारण। जैसा हम सभी जानते हैं कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व भारतीय समाज में स्त्रियों की दशा अच्छी नहीं थी। अशिक्षा, घर के पुरुषों पर आर्थिक निर्भरता के कारण उनकी स्थिति दोयम दर्जे की थी। यह स्थिति उनके विकास में, प्रगति में सबसे बड़ी बाधक थी। इस बात को देश के नीति निर्माण करने वालों ने बखूबी समझा और स्त्री-पुरुष दोनों को समान संवैधानिक अधिकार दिए। आजादी के वक्त देश में महज छह फीसद महिलाएं ही साक्षर थीं लेकिन शिक्षा के अधिकार के बल पर देश में स्त्रियों की दशा में सुधार हुआ। संविधान से मिले शिक्षा के अधिकार के बलबूते ही आज महिला शिक्षा का आंकड़ा बहुत बढ़ गया है।
शिक्षा और साक्षरता के कारण ही देश में महिलाओं ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की जारी रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। शिक्षण संस्थानों तक लड़कियों की पहुंच लगातार बढ़ रही है। एक दशक पहले शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 55.1 प्रतिशत थी, जो अब बढ़ कर 68.4 तक पहुंच गई है यानी इस क्षेत्र में 13 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। शिक्षा के कारण महिलाएं, बालिकाएं शिक्षित हुईं, जागरूक हुईं तो वह कुरीतियों का विरोध भी कर पा रही हैं,
इसी कारण बाल विवाह जैसी कुरीतियों में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि कानूनन अपराध घोषित किए जाने तथा सामाजिक तौर पर लगातार जागरुकता फैलाने के बावजूद बाल विवाह का चलन अब भी बरकरार है। लेकिन संतोष की बात है कि इसमें गिरावट आई है। 2005-06 में देश में 18 वर्ष से कम उम्र में शादी का प्रतिशत 47.4 था जो 2015-16 में घट कर 28.8 पर आ गया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार देश में महिला शिक्षा और जागरुकता का असर घरेलू हिंसा पर भी पड़ा है। अब इस तरह के मामले पहले से कम हुए हैं। वैवाहिक जीवन में हिंसा झेल रही महिलाओं का प्रतिशत 37.2 से घटकर 28.8 प्रतिशत रह गया है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, बैंकिंग व्यवस्था में स्त्रियों की बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाता है। एक दशक पहले सिर्फ 15 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना बैंक खाता था। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अब 53 प्रतिशत महिलाएं बैंकों से जुड़ चुकी हैं। इसी तरह आंकड़ों के अनुसार लगभग 38 प्रतिशत महिलाएं अकेली या किसी के साथ संयुक्त रूप से घर या जमीन की मालकिन हैं। ऐसा इसलिए मुमकिन हुआ है क्योंकि महिलाएं शिक्षित होने पर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनीं। यह आर्थिक आत्मनिर्भरता देश के विकास में भी बहुत सहायक है। इससे हमारे जीडीपी ग्रोथ पर सकारात्मक असर होगा। इतने सकारात्मक परिवर्तनों के बाद भी आधी आबादी को अपने संवैधानिक अधिकारों को अभी भी समझना और जानना बाकी है। जब वे अपने संवैधानिक अधिकारों को जान जाएंगी, उनका प्रयोग अपनी प्रगति के लिए करेंगी तो देश का गणतंत्र और मजबूत होगा।
आजादी के बाद कई महिलाएं विभिन्न राज्यों की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। वर्तमान दौर की बात करें तो देश की राजनीति में सुषमा स्वराज, निर्मला सीतारमण, सुमित्रा महाजन, सोनिया गांधी, मायावती और ममता बनर्जी जैसी महिला राजनेता एक अलग पहचान रखती हैं। वे आधी आबादी के हितों को लेकर प्रतिबद्ध नजर आती हैं, साथ ही देश के गणतंत्र को मजबूत बनाने में भी योगदान दे रही है।
इसी तरह प्रशासनिक सेवाओं में भी महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हो रही हैं और देश को आगे ले जाने में योगदान दे रही हैं। आम महिलाएं भी अपने मताधिकार का प्रयोग अपनी इच्छा से कर रही हैं। इसी कारण आज महिलाएं मौजूदा सरकार और विपक्षी पार्टियों के लिए एक मजबूत वोट बैंक हैं। सभी राजनैतिक दल महिला हितों को महत्व दे रहे हैं और उनके विकास से जुड़ी योजनाएं लाने का आश्वासन देती हैं।
hope it helps
plz mark brainliest...
गणतंत्र दिवस
मेरे सभी दोस्तों, सम्मानित शिक्षकों, निर्देशक और प्रिंसिपल को बहुत-बहुत सुप्रभात। मैं भारत के 72 वें गणतंत्र दिवस पर आप सभी को बधाई देता हूं। इस दिन, हम 1950 में ब्रिटिशों के प्रभुत्व से एक गणतंत्र देश बन जाते हैं। अंग्रेजों ने लगभग 150 वर्षों तक देश पर शासन किया, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा बहुत संघर्ष और प्रयास के बाद, भारत को आखिरकार 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। अभी भी कुछ चीजें और नियम हैं जिन्हें बदलने की आवश्यकता है जो कि ब्रिटिश द्वारा लागू किए गए थे, संक्षेप में भारत को स्वयं का संविधान चाहिए।
भारत का संविधान डॉ। बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा लिखा गया है और इस संविधान को हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मंजूरी दी थी। 26 जनवरी 1950 से, भारत ने संविधान का पालन करना शुरू किया और यह नियम है। हमारे संविधान में लगभग 380 लेख हैं, प्रत्येक लेख विभिन्न चीजों को परिभाषित करता है।
हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना चाहिए जिन्होंने वास्तव में संघर्ष किया और भारत को स्वतंत्र करने के लिए काम किया। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, डॉ। बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए ब्रिगेडर्स के खिलाफ बहुत संघर्ष किया है।
विशेष रूप से, हमें डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को धन्यवाद देना चाहिए जो भारत के संविधान के निर्माता हैं। आज, भारत दुनिया के सबसे विकसित देशों में से एक है। पिछले 50 वर्षों से, भारत पूरी दुनिया में सबसे तेजी से प्रगतिशील देश है। हमारे नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने गणतंत्र राष्ट्र पाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। यदि यह नेता इस देश का हिस्सा नहीं होते, तो शायद, आज हम ब्रिटिश शासन के अधीन रहते।
आज हमें अपनी मातृभूमि के लिए अपने देश को स्वतंत्र, भ्रष्टाचार मुक्त, संकीर्ण-मानसिकता आदि से मुक्त करने का संकल्प लेना चाहिए। आइए हम भारत को एक स्वच्छ देश बनाते हुए अपने भ्रष्टाचार और गरीब लोगों को मुक्त करें। भारत में लगभग अरब लोग एकता और समान विचारों के साथ रहते हैं। यह भारत को एक महान देश बनाता है। आज, भारत दुनिया भर में सबसे अधिक देखा जाने वाला देश है, जो सीधे इस बात पर प्रकाश डालता है कि, भारत एक विकासशील देश है।
आज भारत शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास, स्टॉक मार्केट, ऑटोमोबाइल, औद्योगिकीकरण आदि के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ है। यह विकास और प्रगति सिर्फ इसलिए है क्योंकि "आज भारत एक गणतंत्र देश है ''। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने दिया। भारत को आजादी दिलाने और स्वतंत्र करने में बहुत बड़ा योगदान।
आइए आज हम भारतीय नागरिकों के विकास, जरूरतों और हमारे देश के विकास के लिए जिम्मेदार होने का संकल्प लें।
जय हिन्द!